Kundli Tv- भारत ही नहीं इन देशों में भी अनोखे रूप में विराजमान हैं गणपति
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    Kundli Tv- भारत ही नहीं इन देशों में भी अनोखे रूप में विराजमान हैं गणपति

    हिंदू धर्म में श्री गणेश को प्रथम पूज्य देव का दर्जा प्राप्त है। हर शुभ कार्य से पहले गजानन की पूजा का विधान है। भारत में इनके कई मंदिर स्थापित है, जहां इन्हें लंबोदर, गजानन, विघ्नहर्ता के नाम से जाना जाता है। इसके साथ ही विदेशों में भी इनके अनेकों रूपों की पूजा की जाती है।
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    इंडोनेशिया द्वीप में रहने वाले भारतीयों के लिए गणेश जी की प्रतिमाएं विशेष रूप में भारत से मंगाई जाती है। यहां लोग गणेश जी को ज्ञान का प्रतीक मानते हैं। यहां की सबसे खास बात ये गा है कि यहा के 20 हज़ार के नोट पर भी गणेश जी की तस्वीर छपी हुई है।
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    तिब्बत के लोग गणेश जी की पूजा संकटमोचन के रूप में करते हैं। मान्यता के अनुसार गणेश जी को दुष्टात्माओं के दुष्प्रभाव से रक्षा करने वाला देवता माना जाता है।
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    थाईलैंड में गणपति 'फ्ररा फिकानेत' के रूप में प्रचलित हैं। यहां इन्हें सभी बाधाओं को हरने वाले और सफलता के देवता माना जाता है।
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    कहा जाता है कि श्रीलंका में गणेश जी के कुल14 प्राचीन मंदिर स्थित हैं। कोलंबो के पास केलान्या गंगा नदी के तट पर स्थित केलान्या में कई प्रसिद्ध बौद्ध मंदिरों में भगवान गणेश की प्रतिमाएं स्थापित हैं।
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    जापान में भगवान गणेश को 'कांगितेन' के नाम से जाना जाता हैं, जो जापानी बौद्ध धर्म से सम्बंध रखते हैं। कांगितेन कई रूपों में पूजे जाते हैं, लेकिन इनका दो शरीर वाला स्वरूप सर्वाधिक प्रचलित है।