भोलेनाथ का ये निवास स्थान भी कहलाता है शक्तिपीठ
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    भोलेनाथ का ये निवास स्थान भी कहलाता है शक्तिपीठ

    विश्व का सबसे ऊंचा और एकमात्र शिव-पार्वती निवास स्थान कैलाश मानसरोवर की यात्रा 8 जून 2018 को शुरू हो गई है। धार्मिक पुराणों में इस शिव धाम को 12 ज्योतिर्लिंगों में से सर्वश्रेष्ठ एक माना गया है।
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    हर वर्ष कैलाश मानसरोवर की यात्रा के लिए देश ही नहीं बल्कि विदेशों से भी कई साधु-संत आते हैं।
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    कुछ मान्यता के अनुसाार गर्मी के दिनों में जब मानसरोवर की बर्फ पिघलती है तो एक प्रकार की आवाज़ लगातार सुनाई देती है।
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    कैलाश मानसरोवर की गिनती देवी के 51 शक्ति पीठों में भी होती है। माना जाता है कि यहां देवी सती का दांया हाथ गिरा था।
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    मान्यता है कि मानसरोवर झील और राक्षस झील, ये दोनों झीलें सौर और चंद्र बल को प्रदर्शित करती हैं, जिसका संबंध सकारात्मक और नकारात्मक ऊर्जा से है।
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    इस सरोवर का जल आंतरिक स्रोतों के माध्यम से गंगा और ब्रह्मपुत्र नदी में जाता है। पुराणों के अनुसार, शंकर भगवान द्वारा प्रकट किए गए जल के वेग से जो झील बनी, उसी का नाम मानसरोवर हुआ था।
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    कैलाश मानसरोवर में होने वाली एेसी बहुत सी बातें हैं, जिन्हें आप केवल महसूस कर सकते हैं। झील लगभग 320 किलोमीटर के क्षेत्र में फैली हुई है।