मानो या न मानो: मरने के बाद भी भारत की रक्षा करता है ये फौजी
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    मानो या न मानो: मरने के बाद भी भारत की रक्षा करता है ये फौजी

    मंदिर में बाबा का एक कमरा बनाया गया है, जहां हर रोज़ सफाई होती है
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    मानो या न मानो: मरने के बाद भी भारत की रक्षा करता है ये फौजी

    कपूरथला के शहीद की कहानी में हैं जो सच्ची तो है पर उस पर विश्वास करना थोड़ा मुश्किल है। जानकारी के मुताबिक एक फौजी शहीद होने के बाद भी सरहदों की रख़वाली करता है और उसे इस की बाकायदा तनख़्वाह और छुट्टियां भी दीं जातीं रही हैं।
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    मानो या न मानो: मरने के बाद भी भारत की रक्षा करता है ये फौजी

    सभी सैनिकों की हरभजन सिंह के प्रति श्रद्धा बढ़ गई और उन्होंने हरभजन के बंकर को एक मंदिर का रूप दे दिया।
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    मानो या न मानो: मरने के बाद भी भारत की रक्षा करता है ये फौजी

    भारत-चीन सरहद पर तैनात कई फौजी इस बात की पुष्टि कर चुके हैं। सिर्फ यह ही नहीं चीन के सिपाहियों ने भी इस फौजी को अपनी आंखों के साथ घोड़े पर गश्त करते हुए देखा है।
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    मानो या न मानो: मरने के बाद भी भारत की रक्षा करता है ये फौजी

    शहीद पिछले 3 दशकों से सरहद की रख़वाली कर रहा है और यही कारण है कि अब लोग उन को कैप्टन बाबा हरभजन सिंह के नाम के साथ पुकारते हैं और उन के बंकर पर बने मंदिर में अपनी मुरादें ले कर जाते हैं।
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    मानो या न मानो: मरने के बाद भी भारत की रक्षा करता है ये फौजी

    हर रोज़ सफाई करने के बावजूद जूतों में कीचड़ लगा देखा जाता है और चादर पर भी सिलवटें होती हैं। बाबा हरभजन सिंह का मंदिर फौजियों और लोगों दोनों के लिए आस्था का केंद्र बन चुका है और इलाके में आने वाला हर नया फौजी पहले इस मंदिर में माथा टेकता है।
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    मानो या न मानो: मरने के बाद भी भारत की रक्षा करता है ये फौजी

    सिक्किम की सरहद से हरभजन सिंह घोड़े पर सवार हो कर मुख्य दफ्तर जा रहे थे कि एक झरने में गिर गए।