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म्यांमार के रोहिंग्या पीड़ितों की इन दर्दनाक व मार्मिक तस्वीरों ने जीता सर्वोच्च सम्मान पुरस्कार
दुनिया में सबसे प्रताड़ित अल्पसंख्यक समुदाय में से एक म्यांमार के रोहिंग्या पीड़ितों की मार्मिक फोटोज को फीचर फोटोग्राफी की श्रेणी में सर्वोच्च पुरस्कार के लिए चुना गया है।
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म्यांमार के रोहिंग्या पीड़ितों की इन दर्दनाक व मार्मिक तस्वीरों ने जीता सर्वोच्च सम्मान पुरस्कार
पुलित्जर पुरस्कार समिति द्वारा घोषित पत्रकारिता का 102वां पुलित्जर सर्वोच्च सम्मान पुरस्कार हासिल करने वालों में 2 भारतीय नई दिल्ली के दानिश सिद्दीकी और मुंबई के अदनान अबिदी भी शामिल हैं।
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म्यांमार के रोहिंग्या पीड़ितों की इन दर्दनाक व मार्मिक तस्वीरों ने जीता सर्वोच्च सम्मान पुरस्कार
दुनिया में सबसे प्रताड़ित अल्पसंख्यक समुदाय में से एक म्यांमार के रोहिंग्या मुसलमानों को माना जाता है।
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म्यांमार के रोहिंग्या पीड़ितों की इन दर्दनाक व मार्मिक तस्वीरों ने जीता सर्वोच्च सम्मान पुरस्कार
इनकी सबसे बड़ी समस्या यह है कि वह जिस भी देश में शरण ले रहे हैं, वहां उन्हें हमदर्दी की बजाय आंतरिक सुरक्षा के खतरे के तौर पर देखा जा रहा है।
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म्यांमार के रोहिंग्या पीड़ितों की इन दर्दनाक व मार्मिक तस्वीरों ने जीता सर्वोच्च सम्मान पुरस्कार
रोहिंग्या विवाद की जड़ करीब 100 साल पुरानी है, लेकिन 2012 में म्यांमार के राखिन राज्य में हुए सांप्रदायिक दंगो ने इसमें हवा देने का काम किया।
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म्यांमार के रोहिंग्या पीड़ितों की इन दर्दनाक व मार्मिक तस्वीरों ने जीता सर्वोच्च सम्मान पुरस्कार
रोहिंग्या मुसलमान और म्यांमार के बहुसंख्यक बौद्ध समुदाय के बीच विवाद 1948 में म्यांमार के आजाद होने के बाद से ही चला आ रहा है।
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म्यांमार के रोहिंग्या पीड़ितों की इन दर्दनाक व मार्मिक तस्वीरों ने जीता सर्वोच्च सम्मान पुरस्कार
पिछले साल म्यांमार में रोहिंग्याओं के खिलाफ हिंसा में काफी बढ़ोतरी देखी गई। इससे उन्हें बांग्लादेश और भारत में शरण लेने की कोशिश की गई।
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म्यांमार के रोहिंग्या पीड़ितों की इन दर्दनाक व मार्मिक तस्वीरों ने जीता सर्वोच्च सम्मान पुरस्कार
रोहिंग्या सुन्नी मुस्लिम हैं, जो बांग्लादेश के चटगांव में प्रचलित बांग्ला बोलते हैं. म्यांमार में रोहिंग्या की आबादी 10 लाख के करीब है।
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म्यांमार के रोहिंग्या पीड़ितों की इन दर्दनाक व मार्मिक तस्वीरों ने जीता सर्वोच्च सम्मान पुरस्कार
संयुक्त राष्ट्र के मुताबिक करीब इतनी ही संख्या में रोहिंग्या बांग्लादेश, भारत, पाकिस्तान सहित पूर्वी एशिया के कई देशों में शरण लिए हैं ।
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म्यांमार के रोहिंग्या पीड़ितों की इन दर्दनाक व मार्मिक तस्वीरों ने जीता सर्वोच्च सम्मान पुरस्कार
बेहद गरीब, वंचित रोहिंग्या समुदाय पर आतंकवादियों से कनेक्शन का आरोप लगता रहा है. इसी वजह से अन्य देश भी इन्हें शरण देने को राजी नहीं है।
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