इस स्थान पर श्री राम ने ली थी राक्षसों के वध की ‘प्रतीज्ञा’
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    इस स्थान पर श्री राम ने ली थी राक्षसों के वध की ‘प्रतीज्ञा’

    सुतीक्षण आश्रम, सारंगधर, पन्ना मध्य प्रदेश वह स्थान है जहां श्रीराम ने भुजा उठाकर राक्षसों के वध की प्रतिज्ञा की थी।
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    इस स्थान पर श्री राम ने ली थी राक्षसों के वध की ‘प्रतीज्ञा’

    तभी हाथ उठाने के लिए उन्होंने सारंग धनुष को धरती पर टिकाया था इसीलिए इस स्थान का नाम सारंगधर है। यहां एक अद्भुत वट वृक्ष है।
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    इस स्थान पर श्री राम ने ली थी राक्षसों के वध की ‘प्रतीज्ञा’

    लक्ष्मण पंजा, उडग़ी (छत्तीसगढ़) वनवास काल में श्रीराम सरगुजा के जंगलों में ल बी अवधि तक रहे हैं।
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    इस स्थान पर श्री राम ने ली थी राक्षसों के वध की ‘प्रतीज्ञा’

    उनकी यात्रा की स्मृति में अन्य अवशेषों के साथ लक्ष्मण पंजा भी मिलता है। अर्थात यहां लक्ष्मण जी के पावन चरण चिह्न हैं।
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    ‘पायन’ का अर्थ चरण है। वनवास काल में श्रीराम, लक्ष्मण एवं सीता जी इसी मार्ग से गए थे। यहां से आगे उन्होंने महानदी पार की थी।
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    इस स्थान पर श्री राम ने ली थी राक्षसों के वध की ‘प्रतीज्ञा’

    गलफुली नाला में पत्थरों पर श्रीराम तथा लक्ष्मण जी के पैरों के निशान आज भी मौजूद हैं।