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मंगल देव से जुड़ा है उज्जैन के इस मंदिर का रहस्य!
भारत में मंदिरों की अनगिनत भरमार हैं, इन्ही में से एक मंदिर है शिव की नगरी उज्जनै में स्थित है। हम बात कर रहे हैं मंगलनाथ मंदिर की। यकीनन आप में से बहुकत से लोग सही सोच रहे होंगे कि चूंकि उज्जैन शिव की नगरी कहलाती है, तो यकीनन ये मंदिर भी शिव जी को ही समर्पित होगा।
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मंगल देव से जुड़ा है उज्जैन के इस मंदिर का रहस्य!
तो आपको बता दें आप सही सोच रहे हैं, मगर इस मंदिर का रहस्य नवग्रह में क्रूर कहे जाने वाल मंगल से जुड़ा हुआ है।
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मंगल देव से जुड़ा है उज्जैन के इस मंदिर का रहस्य!
जी हां, कहा जाता है मंगलनाथ नामक इस मंदिर में भगवान शिव जी की कृपा से मंगल ग्रह के स्वामी मंगल देव की उत्पत्ति हुई थी। जिस कारण इसे मंगल की जननी के नाम से जाना जाता है। इतना ही नहीं मंदिर के रहस्य में इस बात का राज़ भी छिपा हुआ है कि आखिर मंगल ग्रह लाल क्यों है।
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मंगल देव से जुड़ा है उज्जैन के इस मंदिर का रहस्य!
मध्य प्रदेश की धार्मिक राजधानी उज्जैन में स्थित इस मंगलनाथ मंदिर के बारे में कहा जाता है कि ठीक इस मंदिर के ठीक ऊपर आकाश में मंगल ग्रह स्थित है। मत्स्यपुराण एवं स्कंदपुराण में भी मंगल देव के संबंध में सविस्तार उल्लेख किया गया है।
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मंगल देव से जुड़ा है उज्जैन के इस मंदिर का रहस्य!
जिसके अनुसार उज्जैन में ही मंगल देव की उत्पत्ति हुई थी और मंगलनाथ मंदिर ही वही स्थान है जहां इनका जन्म स्थान है जिस कारण से यह मंदिर दैवीय गुणों से युक्त माना जाता है।
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मंगल देव से जुड़ा है उज्जैन के इस मंदिर का रहस्य!
स्कंद पुराण के अवंतिका खंड के अनुसार शिव जी ने अंधकासुर नामक दैत्य को वरदान दिया था कि उसके रक्त से सैकड़ों दैत्य जन्म लेंगे।
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मंगल देव से जुड़ा है उज्जैन के इस मंदिर का रहस्य!
भगवान शंकर से यह वरदान पाने के बाद इस दैत्य ने अवंतिका में तबाही मचा दी। तब देवताओं ने शिव जी से प्रार्थना की।