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हनुमान जी के इस रुप के दर्शन से कटेगा संकट और बदलेगा भाग्य
गेंदे के फूल की एक माला गले में धारण करके और बेसन के लड्डू का भोग पाकर सहज ही अपने भक्तों पर कृपालु हो जाने वाले भगवान श्रीराम के परम भक्त हनुमान जी में जब अन्य देवताओं की शक्तियों, सद्गुणों और आशीर्वाद का समावेश होता है
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हनुमान जी के इस रुप के दर्शन से कटेगा संकट और बदलेगा भाग्य
तब हनुमान जी तीनों लोगों में सुर्कीत के शिखर पर होते हैं। उनका आत्मिक और शारीरिक बल करोड़ों गुणा बढ़ जाता है। आध्यात्मिक परिदृश्य में हनुमान जी रहस्यपूर्ण हो जाते हैं। साधारण भक्तों की साधना उन पर कारगर नहीं होती।
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हनुमान जी के इस रुप के दर्शन से कटेगा संकट और बदलेगा भाग्य
रहस्यात्मक स्वरूप में हनुमान पंचमुखी हनुमान कहलाते हैं। पंचमुखी हनुमान जी की उपासना के लिए साधक का दीक्षित और अधिकारी होना आवश्यक है। पंचमुखी हनुमान प्रसन्न हो जाते हैं तो अपने साधक को अमोघ शक्तियां प्रदान करते हैं।
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हनुमान जी के इस रुप के दर्शन से कटेगा संकट और बदलेगा भाग्य
पंचमुखी हनुमान जी की उपासना सभी तरह की शुद्धता की मांग करती है इसीलिए गृहस्थ आश्रमों में पंचमुखी हनुमान की पूजा, अर्चना और उनसे संबंधित धार्मिक अनुष्ठान बहुत कम संपन्न होते हैं।
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हनुमान जी के इस रुप के दर्शन से कटेगा संकट और बदलेगा भाग्य
प्राय: नगर से बाहर निर्जन स्थान में, नदी किनारे अथवा श्मशान भूमि में पंचमुखी हनुमान के सिद्ध पीठ पाए जाते हैं। साधक इन्हीं स्थानों पर पहुंच कर देर रात तक तांत्रिक पद्धतियों से साधनाएं करते हैं।
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हनुमान जी के इस रुप के दर्शन से कटेगा संकट और बदलेगा भाग्य
तांत्रिकों की यह साधना सरल, सहज हनुमान जी भक्तों की भक्ति मार्ग का अनुसरण करने वाली साधना न होकर तांत्रिक विधि-विधान पर केन्द्रित और आधारित होती है। पंचमुखी हनुमान जी के श्री विग्रह में चार मुख तथा उनके ऊपर ऊर्ध्व दिशा में एक मुख होता है।
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हनुमान जी के इस रुप के दर्शन से कटेगा संकट और बदलेगा भाग्य
दिशाओं के अनुसार पूर्व दिशा में हनुमान जी अपने मूल स्वरूप वानर रूप में ही हैं। दक्षिण दिशा में हनुमान जी का मुख सिंह के समान है, पश्चिम दिशा में गरुड़ का मुख है, उत्तर दिशा में हनुमान जी वराह मुख हैं, वहीं सबसे ऊपर हनुमान जी की मुखाकृति अश्व के मुख के समान है।