Jageshwar Dham: उत्तराखंड के जागेश्वर धाम में स्वर्ग जैसा होता है अनुभव, भगवान शिव की तपस्थली के लिए है प्रसिद्ध
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    Jageshwar Dham: उत्तराखंड के जागेश्वर धाम में स्वर्ग जैसा होता है अनुभव, भगवान शिव की तपस्थली के लिए है प्रसिद्ध

    उत्तराखंड के अल्मोड़ा जनपद के मुख्यालय से लगभग 40 किलोमीटर दूर से 1000 वर्ष पुराने जागेश्वर धाम मंदिर का। इसके आसपास से गुजरने वाली 6-7 कि.मी. की घुमावदार सड़क पर देवदार का घना जंगल है।
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    Jageshwar Dham: उत्तराखंड के जागेश्वर धाम में स्वर्ग जैसा होता है अनुभव, भगवान शिव की तपस्थली के लिए है प्रसिद्ध

    हजारों देशी-विदेशी श्रद्धालु यहां आकर दर्शन करते हैं। यहां से गुजरने वाली सड़क इतनी भी संकरी नहीं है कि गाड़ियों को जाने में कोई दिक्कत हो।
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    यह जरूर है कि आधुनिक किस्म की गाडिय़ों को आधे घंटे का सफर 5-10 मिनट में ही पूरा करना है और इसके लिए आसपास के लगभग 1000 देवदार के पेड़ों पर निशान लगाकर काटने की योजना बनाई गई है।
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    Jageshwar Dham: उत्तराखंड के जागेश्वर धाम में स्वर्ग जैसा होता है अनुभव, भगवान शिव की तपस्थली के लिए है प्रसिद्ध

    जिसने भी यहां देवदार के पेड़ों को काटने का सुझाव दिया होगा वह भूल गया कि यहां जागेश्वर धाम में उगने वाली देवदार का अर्थ ‘देव वृक्ष’ से है। यहां से ‘जटा गंगा’ नाम की छोटी सी जलधारा भी बहती है, जिसका अस्तित्व इसी हरियाली पर टिका हुआ है।
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    Jageshwar Dham: उत्तराखंड के जागेश्वर धाम में स्वर्ग जैसा होता है अनुभव, भगवान शिव की तपस्थली के लिए है प्रसिद्ध

    कोई भी श्रद्धालु जब यहां आता है तो वह यहां के इन शानदार दुर्लभ पेड़ों के बीच में स्वर्ग जैसा अनुभव करता है। ‘मानस खंड’ में ऋषि वेद व्यास इस जंगल के बारे में बताते हैं कि यहां आकर शिवजी ने अपने योगी रूप को प्राप्त किया है।
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    Jageshwar Dham: उत्तराखंड के जागेश्वर धाम में स्वर्ग जैसा होता है अनुभव, भगवान शिव की तपस्थली के लिए है प्रसिद्ध

    इस अद्वितीय जंगल के बीच में जागेश्वर धाम का मंदिर है जो सिद्ध पुरुषों, विद्वानों, ऋषियों और देवताओं की पूजा स्थली है।