Mount Kailash Manasarovar Yatra: मिलन के छायाचित्रों में पवित्र कैलाश मानसरोवर के दर्शन
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    Mount Kailash Manasarovar Yatra: मिलन के छायाचित्रों में पवित्र कैलाश मानसरोवर के दर्शन

    Mount Kailash Manasarovar Yatra: दिल्ली के इंडिया हैबिटेट सेंटर में कैलाश मानसरोवर पर मिलन मौदगिल की सजी प्रदर्शनी श्रद्धालुओं और खोजियों का ध्यान कैलाश-मानसरोवर क्षेत्र की महिमा की ओर खींच रही है।
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    Mount Kailash Manasarovar Yatra: मिलन के छायाचित्रों में पवित्र कैलाश मानसरोवर के दर्शन

    यह पावन भूमि एक तरफ सनातनी आस्थानुसार शिव का निवास स्थान है तो जैनियों के लिए प्रथम तीर्थंकर ऋषभ देव की समाधि स्थल, बौद्ध के लिए महामाया से जुड़ी भूमि है, तो स्थानीय बोनपो धर्म के आस्था का केंद्र।
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    शास्त्रों में कैलाश पर्वत को पृथ्वी की मेरुदंड यानि धुरी मानी गई है। कुछ ऐसा ही कोतूहलों ने खोजकर्ता मिलन मौदगिल को कैलाश की यात्रा (2002-2007) के लिए प्रेरित किया।
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    Mount Kailash Manasarovar Yatra: मिलन के छायाचित्रों में पवित्र कैलाश मानसरोवर के दर्शन

    वह स्वीडिश अन्वेषक स्वेन हेडिन (1906) और स्वामी प्रणवानंद (1916-1950) की कैलाश यात्रा के पद चिन्हों पर चल पड़े।
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    Mount Kailash Manasarovar Yatra: मिलन के छायाचित्रों में पवित्र कैलाश मानसरोवर के दर्शन

    अपनी इन यात्राओं को मिलन ने छायाबद्ध किया है इस प्रदर्शनी में, जिसमें कई छायाचित्र वाकई मंत्रमुग्ध करते हैं। कैलाश शोधार्थी बतौर इन मनमोहक तस्वीरों में जिस पनारोमिक तस्वीर ने मेरा सबसे ज्यादा ध्यान खींचा, वह है मानसरोवर-राक्षसताल की विशाल संयुक्त तस्वीर।
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    पने 55 फोटो के माध्यम से, जिसमें सबसे नया 14 वर्ष पुराना और सबसे पुराना काम 20 वर्ष पूर्व का है। मिलन मौदगिल ने सतलुज, ब्रह्मपुत्र और करनाली नदियों के उद्गम स्रोतों को बखूबी खंगाला है।
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    Mount Kailash Manasarovar Yatra: मिलन के छायाचित्रों में पवित्र कैलाश मानसरोवर के दर्शन

    इस प्रक्रिया में उन्होंने स्वेन हेडिन और स्वामी प्रणवानंद की इन नदियों के उद्गम के स्रोतों के बौद्धिक तुलना का प्रयास किया है। लगता है कि मिलन आनन-फानन में स्वेन हिडेन के दावों को सर्वोपरि घोषित करते नजर आते हैं और प्रणवानंद के खोज कमतर करते हैं जबकि है उल्टा।