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Agrasen ki Baoli: उग्रसेन की बावली का होगा कायाकल्प, अपने ऐतिहासिक अंदाज में दिखेगी
ऐतिहासिक उग्रसेन की बावली फिर अपने पुराने ऐतिहासिक रूप व अंदाज में देखने को मिलेगी।
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Agrasen ki Baoli: उग्रसेन की बावली का होगा कायाकल्प, अपने ऐतिहासिक अंदाज में दिखेगी
भारतीय पुरातत्व संरक्षण (ए.एस.आई.) योजनाबद्ध तरीके से इस बावली का पुनरुद्धार कर इसका कायाकल्प करने के कार्य में लग गया है।
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Agrasen ki Baoli: उग्रसेन की बावली का होगा कायाकल्प, अपने ऐतिहासिक अंदाज में दिखेगी
बदलते मौसम, बारिश, भूकंप व समय के साथ यह कई जगहों से क्षतिग्रस्त हो चुकी है। लेकिन अब इसे नया जीवन देने और इसकी एतिहासिकता बरकरार रखने के लिए इसकी सीढ़ियों मेहराबों में नए पत्थर लगाए जाएंगे।
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Agrasen ki Baoli: उग्रसेन की बावली का होगा कायाकल्प, अपने ऐतिहासिक अंदाज में दिखेगी
यही नहीं, क्षतिग्रस्त हो चुकी सीढिय़ों व मेहराबों को भी संरक्षित करने की योजना है। सुरक्षा को देखते हुए यहां लोहे की ग्रिल भी लगाई जाएंगी। पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए लाइटिंग की व्यवस्था भी होगी।
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Agrasen ki Baoli: उग्रसेन की बावली का होगा कायाकल्प, अपने ऐतिहासिक अंदाज में दिखेगी
इन सीढ़ियों के दोनों ओर मोटी दीवार की मेहराब युक्त गलियारों की शृंखला है। अनगढ़ व गढ़े हुए पत्थरों से निर्मित यह दिल्ली में बेहतरीन बावलियों में से एक है।
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Agrasen ki Baoli: उग्रसेन की बावली का होगा कायाकल्प, अपने ऐतिहासिक अंदाज में दिखेगी
दिल्ली में ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (ग्रेप) का चौथा चरण लागू है। इससे संरक्षण कार्य भी प्रभावित हुआ है। अब ग्रेप चार हटेगा तो फिर से संरक्षण कार्य शुरू होंगे।
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Agrasen ki Baoli: उग्रसेन की बावली का होगा कायाकल्प, अपने ऐतिहासिक अंदाज में दिखेगी
इस बावली को धरती का पाताल लोक भी कहा जाता है। हालांकि इसकी कोई प्रमाणिकता नहीं है। इतिहासकारों के मुताबिक मान्यता है कि महाभारत काल में अग्रोहा के उग्रसेन नामक राजा ने इसे तैयार करवाया था।