मात्र 48 घंटों के लिए खुलता है यह मंदिर, साल में 1 बार होते हैं भगवान अजयपाल के दर्शन
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    मात्र 48 घंटों के लिए खुलता है यह मंदिर, साल में 1 बार होते हैं भगवान अजयपाल के दर्शन

    पन्ना जिले के अजयगढ़ तहसील में मकर संक्रांति के उपलक्ष्य में अजयगढ़ की किले में भगवान अजयपाल की मूर्ति साल में एक बार ही निकाली जाती है।
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    मात्र 48 घंटों के लिए खुलता है यह मंदिर, साल में 1 बार होते हैं भगवान अजयपाल के दर्शन

    जो कि हर साल की भांति इस साल भी मकर संक्रांति में निकाली गई जिसके दर्शन करने के लिए लाखों की संख्या में श्रद्धालुओं का तांता लगा रहता है और किले के नीचे प्राचीन जमाने से चला आ रहा इतिहासिक मेला भी लगाया जाता है।
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    जिसमें आसपास के ग्रामीणों सहित दूरदराज से लोग आते हैं। लोगों का मानना है कि अजय पाल की यह मूर्ति तांत्रिक बाबा की मूर्ति है।
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    ये चट्टानों के मुश्किल रास्तों में जगह बनाते भागते श्रद्धालु और मंदिर की पथरीली राह से लेकर दरवाजे तक उमड़ता जनसैलाब,क्योकि ये देवता कुल 48 घंटे ही दर्शन देंगे।
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    मात्र 48 घंटों के लिए खुलता है यह मंदिर, साल में 1 बार होते हैं भगवान अजयपाल के दर्शन

    जी हां केवल 48 घंटे ही खुले हैं मनोकामना पूर्ण करने वाले भगवान के यह पट इस मंदिर के लिए यह मान्यता है कि यहां भक्तों की हर मुराद पूरी होती है।
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    मात्र 48 घंटों के लिए खुलता है यह मंदिर, साल में 1 बार होते हैं भगवान अजयपाल के दर्शन

    वशर्ते देवता के सामने खड़े होकर यह मुराद मांगी जाए लिहाजा इस भीड़ में ज्यादा तादाद उन्हीं भक्तों की है जो अपनी आस लिए यहां दौड़े चले आए हैं और शामिल वो भी हैँ जो बीते साल ठीक इसी दिन अपनी मन्नत मांगने आए थे।
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    मात्र 48 घंटों के लिए खुलता है यह मंदिर, साल में 1 बार होते हैं भगवान अजयपाल के दर्शन

    इतना ही नहीं यहां कई किसान ऐसे भी आते हैं जो अपने पशुओं का उपचार भी करवाते हैं इस मंदिर में ऐसी मान्यता भी है कि यहां के एकमात्र कंकड़ को यदि पशु चिकित्सालय में रख दिया जाए तो वहां पर पशुओं की बीमारियां दूर हो जाती है।
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    मात्र 48 घंटों के लिए खुलता है यह मंदिर, साल में 1 बार होते हैं भगवान अजयपाल के दर्शन

    इस मंदिर की अनोखे खजाने के बारे में समझें उसके पहले इस मंदिर का इतिहास भी जान लीजिए यूं तो पूरा पन्ना जिला ही ऐतिहासिक धरोहरों से भरा हुआ है