अष्टविनायक धाम के नाम का क्या है रहस्य
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    अष्टविनायक धाम के नाम का क्या है रहस्य

    श्री मयूरेश्वर मंदिर (मोरगांव, पुणे) यह मंदिर पुणे से 80 किलोमीटर दूर स्थित है। मोरेगांव गणेशजी की पूजा का महत्वपूर्ण केंद्र है। मयूरेश्वर मंदिर के चारों कोनों में मीनारें हैं और लंबे पत्थरों की दीवारें हैं। यहां चार द्वार हैं।
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    सिद्धिविनायक मंदिर (करजत तहसील, अहमदनगर) अष्ट विनायक में दूसरे गणेश हैं सिद्धिविनायक। यह मंदिर पुणे से करीब 200 किमी दूरी पर स्थित है। यह क्षेत्र सिद्धटेक गावं के अंतर्गत आता है। यह पुणे के सबसे पुराने मंदिरों में से एक है।
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    अष्टविनायक धाम के नाम का क्या है रहस्य

    श्री बल्लालेश्वर मंदिर (पाली गाँव, रायगढ़) अष्टविनायक में तीसरा मंदिर है श्री बल्लालेश्वर मंदिर। यह मंदिर मुंबई-पुणे हाइवे पर पाली से टोयन में और गोवा राजमार्ग पर नागोथाने से पहले 11 किलोमीटर दूर स्थित है।
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    श्री वरदविनायक (कोल्हापुर, रायगढ़) अष्ट विनायक में चौथे गणेश हैं श्री वरदविनायक। यह मंदिर महाराष्ट्र के रायगढ़ जिले के कोल्हापुर क्षेत्र में स्थित है। यहां एक सुन्दर पर्वतीय गांव है महाड़। इसी गांव में श्री वरदविनायक मंदिर।
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    चिंतामणि गणपति (थेऊर गांव, पुणे) अष्टविनायक में पांचवें गणेश हैं चिंतामणि गणपति। यह मंदिर पुणे जिले के हवेली क्षेत्र में स्थित है। मंदिर के पास ही तीन नदियों का संगम है।
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    श्री गिरजात्मज गणपति (लेण्याद्री गांव, पुणे) अष्टविनायक में अगले गणपति हैं श्री गिरजात्मज। यह मंदिर पुणे-नासिक राजमार्ग पर पुणे से करीब 90 किलोमीटर दूरी पर स्थित है। क्षेत्र के नारायणगांव से इस मंदिर की दूरी 12 किलोमीटर है।
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    विघ्नेश्वर गणपति मंदिर (ओझर) अष्टविनायक में सातवें गणेश हैं विघ्नेश्वर गणपति। यह मंदिर पुणे के ओझर जिले में जूनर क्षेत्र में स्थित है।
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    अष्टविनायक धाम के नाम का क्या है रहस्य

    महागणपति मंदिर (राजणगांव) अष्टविनायक मंदिर के आठवें गणेश जी हैं महागणपति। मंदिर पुणे के रांजणगांव में स्थित है। यह पुणे-अहमदनगर राजमार्ग पर 50 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। इस मंदिर का इतिहास 9-10वीं सदी के बीच माना जाता है।