Ayodhya: माता कैकयी ने देवी जानकी को मुंह दिखाई में दिया था कनक भवन
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    Ayodhya: माता कैकयी ने देवी जानकी को मुंह दिखाई में दिया था कनक भवन

    यूं तो अयोध्या को मंदिरों का नगर माना जाता है। यहां प्राचीन मंदिरों और सिद्ध स्थानों की कोई कमी नहीं है। लेकिन क्या आप जानते हैं धर्म नगरी अयोध्या में विभिन्न ऐसे मंदिर भवन व महल और भी हैं जिनका सीधा संबंध मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम से है।
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    Ayodhya: माता कैकयी ने देवी जानकी को मुंह दिखाई में दिया था कनक भवन

    उन्हीं में से एक है अयोध्या का प्राचीन कनक भवन मंदिर। इस भवन में सुंदर निर्माण शैली और विशाल प्रांगण के साथ-साथ स्थापत्य कला का अद्भुत उदाहरण भी देखने को मिलता है।
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    मंदिर भवन को लेकर मान्यता है कि श्री राम और देवी सीता के विवाह के बाद माता कैकेई ने सीता जी को मुंह दिखाई में उपहार स्वरूप यह महल दिया था।
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    Ayodhya: माता कैकयी ने देवी जानकी को मुंह दिखाई में दिया था कनक भवन

    जिसे महल को श्री राम और माता सीता ने अपना निवास स्थान बनाया था। इस महल की सुंदरता की बात करें तो त्रेता युग में यह भवन 14 कोस में फैली अयोध्या नगरी का सबसे भव्य और दिव्य महल माना जाता था।
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    धर्म शास्त्रों के अनुसार इस महल का निर्माण माता कैकेई के अनुरोध पर राजा दशरथ ने विश्वकर्मा की देखरेख में श्रेष्ठ शिल्प कारों और कारीगरों से करवाया था।
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    प्रचलित मान्‍यताओं के अनुसार कनक भवन के किसी भी उपभवन में पुरुषों का प्रवेश वर्जित था। श्री राम के परम भक्‍त हनुमान जी को भी बहुत अनुनय विनय करने के बाद आंगन में स्‍थान मिला था।
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    इसी मान्यता के चलते गृभगृह में श्रीराम-जानकी के अलावा किसी अन्य देवता का विग्रह स्थापित नहीं किया गया है। कहा जाता है इस महल में आज भी श्री राम और माता सीता निवास करते हैं।