Azadi ka amrit mahotsav: 1942 में 72 घंटे आजाद रहा था बालुरघाट
  • >X

    Azadi ka amrit mahotsav: 1942 में 72 घंटे आजाद रहा था बालुरघाट

    यह तो सभी जानते हैं कि भारत 15 अगस्त, 1947 को अंग्रेजों की दास्ता से आजाद हुआ था, लेकिन बहुत कम लोग जानते होंगे कि पश्चिम बंगाल के दक्षिण दिनाजपुर जिले का बालुरघाट इलाका 1942 में 3 दिन यानी 72 घंटे के लिए अंग्रेजी हुकूमत से आजाद रहा था।
  • <>X

    Azadi ka amrit mahotsav: 1942 में 72 घंटे आजाद रहा था बालुरघाट

    भारत छोड़ो आंदोलन की आवाज पर वर्ष 1942 में बालुरघाट सहित संलग्न इलाके में स्वतंत्रता सेनानियों ने तत्कालीन प्रशासनिक कार्यालय भवन पर कब्जा करने के साथ-साथ ट्रेजरी लूट कर पूरे देश में हंगामा मचा दिया था।
  • <>X

    Azadi ka amrit mahotsav: 1942 में 72 घंटे आजाद रहा था बालुरघाट

    1942 को 14 से 17 सितम्बर तक बालुरघाट स्वतंत्रता सेनानियों के कब्जे में था यानी ब्रिटिश शासन से मुक्त एक अंचल। बालुरघाट में बना स्मृति पट्ट आज भी इसका साक्षी है।
  • <>X

    Azadi ka amrit mahotsav: 1942 में 72 घंटे आजाद रहा था बालुरघाट

    1942 के 14 सितम्बर को बालुरघाट के कांग्रेस नेता सरोज रंजन चटर्जी के नेतृत्व में करीब दस हजार लोगों ने बालुरघाट के दक्षिण के अंतिम भाग में (वर्तमान में बांग्लादेश से सटे ग्राम डांगी) से जुलूस निकाला।
  • <>X

    Azadi ka amrit mahotsav: 1942 में 72 घंटे आजाद रहा था बालुरघाट

    लोगों के इस हुजूम ने इस दिन आजादी की मांग लेकर बालुरघाट में तत्कालीन एस.डी.ओ. ऑफिस का घेराव किया। वर्तमान में यह ऑफिस जिला प्रशासन परिसर है।
  • <X

    Azadi ka amrit mahotsav: 1942 में 72 घंटे आजाद रहा था बालुरघाट

    आजादी के लिए यह युद्ध इतिहास में स्वर्ण अक्षरों से लिखा गया है। हालांकि, इसके 3 दिन बाद यानी 17 सितम्बर को ब्रिटिश फौज ने मौके पर पहुंचकर फिर से बालुरघाट पर कब्जा कर लिया था।