Bhedaghat Dhuandhar: प्रकृति के अनोखे उपहार ‘भेड़ाघाट’ और ‘धुआंधार’
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    Bhedaghat Dhuandhar: प्रकृति के अनोखे उपहार ‘भेड़ाघाट’ और ‘धुआंधार’

    विंध्यांचल एवं सतपुडा के बीच ‘अमरकंटक’ नामक ऊंचे पर्वत हैं। यहीं सोहागपुर जिले के अमरकंटक नामक गांव के कुंड में एक गोमुख से जलधारा प्रकट होती है।
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    Bhedaghat Dhuandhar: प्रकृति के अनोखे उपहार ‘भेड़ाघाट’ और ‘धुआंधार’

    इस कुंड को कोटिकुंड तथा जलधारा को नर्मदा कहते हैं। यह अमरकंटक से निकलने के 332 कि.मी. पश्चात (नर्मदा) मंडला से गुजरती है। मंडला से आगे नर्मदा का प्रवाह मंद हो जाता है
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    Bhedaghat Dhuandhar: प्रकृति के अनोखे उपहार ‘भेड़ाघाट’ और ‘धुआंधार’

    तथा इसके आगे ‘भेड़ाघाट’ नामक सुंदर पहाड़ी स्थान आता है। मध्य प्रदेश राज्य के जबलपुर में नर्मदा नदी की गोद में बसा है भेड़ाघाट।
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    Bhedaghat Dhuandhar: प्रकृति के अनोखे उपहार ‘भेड़ाघाट’ और ‘धुआंधार’

    संगमरमर के पत्थरों के बीच बहती नदी ‘भेड़ाघाट’ पर जलप्रपात का निर्माण करती है। यहीं पर वामनगंगा नदी विंध्याचल पर्वत से जन्म लेकर 419 कि.मी. यात्रा पूर्ण कर नर्मदा में मिलती है। भेड़ाघाट में संगमरमर के पर्वतों के मध्य बना ‘धुआंधार’ नामक जलप्रपात सबसे प्रसिद्ध है।
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    Bhedaghat Dhuandhar: प्रकृति के अनोखे उपहार ‘भेड़ाघाट’ और ‘धुआंधार’

    इस स्थल पर नर्मदा नदी 13 कि.मी. की ऊंचाई से गिरती है मानो ‘धुआं सा छा गया हो तथा संभवत: इसी कारण इसका नाम भी ‘धुआंधार’ जलप्रपात बना है।