इलाहाबाद में है गंगा पुत्र भीष्म पितामह का इकलौता मंदिर, स्थापित है 12 फीट लंबी मूर्ति
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    इलाहाबाद में है गंगा पुत्र भीष्म पितामह का इकलौता मंदिर, स्थापित है 12 फीट लंबी मूर्ति

    देश के एक कोने में भीष्म पितामह जिनका मूल नाम देवव्रत था उनका एक मंदिर हैं जहां इनकी 12 फीट लंबी मूर्ति स्थापित है, जिसको को तीरों की शय्या पर लेटा हुआ दर्शाया गया है।
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    इलाहाबाद में है गंगा पुत्र भीष्म पितामह का इकलौता मंदिर, स्थापित है 12 फीट लंबी मूर्ति

    बता दें ये मंदिर भारत में प्राचीन इतिहास के इस महान योद्धा का ये केवल एकमात्र मंदिर है जो कि उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद में स्थित है।
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    इलाहाबाद में है गंगा पुत्र भीष्म पितामह का इकलौता मंदिर, स्थापित है 12 फीट लंबी मूर्ति

    कहा जाता है इलाहाबाद शहर न सिर्फ़ अपनी तहज़ीब और सभ्यता के लिए जाना जाता है बल्कि यहां मौजूद कई छोटे-बड़े मंदिरों के लिए भी जाना जाता है। इन्हीं मंदिरों में से एक है भीष्म पितामह का मंदिर। जो यहां के लोगों की आस्था का मुख्य केंद्र माना जाता है।
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    इलाहाबाद में है गंगा पुत्र भीष्म पितामह का इकलौता मंदिर, स्थापित है 12 फीट लंबी मूर्ति

    बताया जाता है 1961 में हाई कोर्ट के वकील जेआर भट्ट ने इस मंदिर का निर्माण करवाया था, जो प्रसिद्ध नागवासुकी मंदिर के पास स्थित है।
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    इलाहाबाद में है गंगा पुत्र भीष्म पितामह का इकलौता मंदिर, स्थापित है 12 फीट लंबी मूर्ति

    यहां पूजा तथा परिक्रमा के लिए लोग घंटों लाइन में लगे रहते हैं। मंदिर के पुजारियों बताते हैं कि कई वर्ष पहले साल पहले रोजाना यहां एक बूढ़ी औरत गंगा में स्नान करने आती थी।
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    इलाहाबाद में है गंगा पुत्र भीष्म पितामह का इकलौता मंदिर, स्थापित है 12 फीट लंबी मूर्ति

    डुबकी लगाने के बाद एक दिन उसने जे आर भट्ट से कहा कि वह गंगा के पुत्र की भी पूजा करना चाहती है। जिसके बाद भट्ट ने यहां इस मंदिर का निर्माण प्रारंभ कर दिया।
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    इलाहाबाद में है गंगा पुत्र भीष्म पितामह का इकलौता मंदिर, स्थापित है 12 फीट लंबी मूर्ति

    इस मंदिर में भीष्म पितामह की प्रतिमा को पौराणिक कथाओं से प्रभावित होकर बनाया गया है। यहां भीष्म पितामाह की 12 फिट लंबी और लेटी हुई मूर्ति स्थापित है। इस मूर्ति को तीरों की शय्या पर लेटा हुआ दर्शाया गया है।