भूतों का इस मंदिर से क्या है संबंध, क्या है मंदिर की विशेषता?
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    भूतों का इस मंदिर से क्या है संबंध, क्या है मंदिर की विशेषता?

    ‘भोलेनाथ’ जिन्हें न केवल देवों के देव महादेव कहा जाता है बल्कि इन्हें समस्त देवी-देवताओँ में से सबसे भोले माना जाता है। यही कारण है कि ये अपने भक्तों पर शीघ्र ही प्रसन्न होकर उनकी मनोकामनाएं पूरी कर देते हैं।
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    भूतों का इस मंदिर से क्या है संबंध, क्या है मंदिर की विशेषता?

    बता दें हिंदू धर्म ब्रह्मा जी को इस सृष्टि के रचनाकार, विष्णु जी को पालनकर्ता कहा गया है वहीं भोलेनाथ को सहांर के देवता का दर्जा प्राप्त है। शिव पुराण के साथ साथ हिंदू धर्म के अन्य शास्त्रों में भी महाकाल से जुड़े कईं रहस्य बताए गए हैं।
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    भूतों का इस मंदिर से क्या है संबंध, क्या है मंदिर की विशेषता?

    आज हम आपको इसी कड़ी में शिव जी के एक ऐसे प्रस्द्ध मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं जो प्राचीन तो है ही बल्कि साथ ही साथ अपने आप मे बेहद विशेष है।
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    भूतों का इस मंदिर से क्या है संबंध, क्या है मंदिर की विशेषता?

    बता दें हम जिस मंदिर की बात कह रहे हैं वे उत्तर प्रदेश के कानपुर में भूतेश्वार मंदिर के नाम से प्रसिद्ध है। इस मंदिर से जुड़ी मान्यता के अनुसार इसकी सबसे खास बात ये है कि इस मंदिर का निर्माण मानव जीव द्वारा नहीं बल्कि प्राचीन समय में भूतों द्वारा करवाया गया था।
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    भूतों का इस मंदिर से क्या है संबंध, क्या है मंदिर की विशेषता?

    मंदिर को लेकर भक्तों का मानना है कि यहां विराजमान बाबा भूतेश्वर सबकी मनोकामनाओं को शीघ्र पूरा करते हैं। खास तौर पर सावन के महीने में यहां श्रद्धालु दूर-दूर से बाबा के दर्शन के लिए आते हैं।
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    भूतों का इस मंदिर से क्या है संबंध, क्या है मंदिर की विशेषता?

    बात करें मंदिर के निर्माण की तो स्थानीय लोगों का कहना है कि इसका निर्माण भूतों ने करवाया था। खास बात तो ये है कि इस मंदिर को बनवाने के लिए सालों साल का समय नहीं बल्कि इसे रातों रात बनवाया गया था।