>
X
Chaitra Navratri 2021: उज्जैन के हरसिद्धि मंदिर में गिरी थी देवी सती की कोहनी
यूं तो देश में हरसिद्धि देवी के अनेकों प्रसिद्ध मंदिर हैं, परंतु वाराणासी व उज्जैन स्थित हरसिद्धि मंदिर सबसे प्राचीन माना जाता है।
<
>
X
Chaitra Navratri 2021: उज्जैन के हरसिद्धि मंदिर में गिरी थी देवी सती की कोहनी
मंदिर के इतिहास की बात करेें तो उज्जैन के महाकाल क्षेत्र में स्थित ये प्रसिद्ध मंदिर अति प्राचीन है। कहा जाता है मंदिर स्थल प्राचीन समय में राजा विक्रमादित्य की तपोभूमि हुआ करती थी।
<
>
X
Chaitra Navratri 2021: उज्जैन के हरसिद्धि मंदिर में गिरी थी देवी सती की कोहनी
लोक मान्यताओं के अनुसार मंदिर के पीछे एक कोने में कुछ 'सिर' सिंदूर चढ़े हुए रखें हैं, जो विक्रमादित्य के सिर बतलाए जाते है।
<
>
X
Chaitra Navratri 2021: उज्जैन के हरसिद्धि मंदिर में गिरी थी देवी सती की कोहनी
ऐसी कथाएं प्रचलित हैं सम्राट विक्रम देवी माता को प्रसन्न करने के लिए प्रत्येक 12 साल में एक बार अपने हाथों से अपने मस्तक की बलि देते थे। ऐसा उन्होंने कुल 11 बार किया, परंतु हर बार उनका सिर वापस लौट आता था।
<
>
X
Chaitra Navratri 2021: उज्जैन के हरसिद्धि मंदिर में गिरी थी देवी सती की कोहनी
परंतु जब 12वी बार उनका सिर नहीं लौट तो वे समझ गए कि उनसा शासन के समापन का समय आ गया है।
<
>
X
Chaitra Navratri 2021: उज्जैन के हरसिद्धि मंदिर में गिरी थी देवी सती की कोहनी
कहा जाता है यहां विराजमान हरसिद्धि देवी वैसे वैष्णववी देवी हैं, इसलिए इनकी पूजा में किसी प्रकार की बलि नहीं चढ़ाई जाती है।
<
>
X
Chaitra Navratri 2021: उज्जैन के हरसिद्धि मंदिर में गिरी थी देवी सती की कोहनी
ये देवी सम्राट विक्रमादित्य के साथ-साथ परमारवंशीय राजाओं की भी कुलदेवी कहलाती हैं। यहां के प्रचलित मान्यताओं के अनुसार उज्जैन की रक्षा के लिए आस-पास देवियों का पहरा है, जिनमें से एक है हरसिद्धि देवी।
<
X
Chaitra Navratri 2021: उज्जैन के हरसिद्धि मंदिर में गिरी थी देवी सती की कोहनी
तो वहीं धार्मिक किंवदंतियों के अनुसार इस स्थान पर देवी सती के शरीर का अंश अर्थात हाथ की कोहनी गिरी थी। जिस कारण इस स्थल को शक्तिपीठ के अंतर्गत माना जाता है।