Chitrakoot: श्रीराम का वनवास स्थल चित्रकूट है भारत का नियाग्रा फॉल
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    Chitrakoot: श्रीराम का वनवास स्थल चित्रकूट है भारत का नियाग्रा फॉल

    चित्रकूट के घाट पर, भई संतन की भीड़। तुलसीदास चंदन घिसे, तिलक देत रघुवीर॥
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    उत्तर प्रदेश के बांदा जिले में मंदाकिनी नदी के किनारे पर बसा चित्रकूट वह स्थान है जहां पर भगवान श्री राम ने अपने वनवास का शुरूआती समय बिताया था। यहीं पर राम-भरत मिलाप का प्रसंग हुआ था और भरत ने श्री राम की चरणपादुकाएं ली थीं।
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    यह जगह बहुत ही सुंदर होने की वजह से महर्षि वाल्मीकि ने भगवान राम को वनवास के दौरान इस स्थान पर रहने की सलाह दी थी।
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    चित्रकूट का मुख्य जलप्रपात लगभग 15 फुट की ऊंचाई से गिरता है, इसलिए इसे भारत का नियाग्रा फॉल भी कहा जाता है। यह भारत के सबसे प्राचीन तीर्थस्थलों में से एक है।
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    शांत और सुंदर चित्रकूट प्रकृति और ईश्वर की अनुपम देन है। चारों ओर से विंध्य पर्वत शृंखलाओं और वनों से घिरे चित्रकूट को अनेक आश्चर्यों की पहाड़ी कहा जाता है। मंदानिकी नदी के किनारे बने अनेक घाट और मंदिर हैं।
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    इसी स्थान पर ऋषि अत्रि और सती अनसुईया ने ध्यान लगाया था। ब्रह्मा, विष्णु और महेश ने चित्रकूट में ही सती अनसुईया के घर जन्म लिया था।
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    वर्तमान में प्रयाग से चित्रकूट पहले के मुकाबले लगभग चौगुनी दूरी पर स्थित है। इस समस्या का समाधान यह मानने से हो सकता है कि वाल्मीकि के समय का प्रयाग अथवा गंगा-यमुना का संगम स्थान आज के संगम से बहुत दक्षिण में था।