Dev Diwali 2020:काशी में ही क्या मनाया जाता है देव दिवाली का पर्व
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    Dev Diwali 2020:काशी में ही क्या मनाया जाता है देव दिवाली का पर्व

    प्रत्येक वर्ष भगवान शिव की नगरी काशी में देव दिवाली का पर्व मनाया जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार दीपावली के ठीक 15 दिन बाद कार्तिक पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है, जो इस साल 29 नवंबर को मनाया जाएगा।
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    Dev Diwali 2020:काशी में ही क्या मनाया जाता है देव दिवाली का पर्व

    प्रचलित धार्मिक मान्यताएं के अनुसार इस दिन यानि कार्तिक मास की पूर्णिमा के दिन सनातन धर्म के सभी देवी-देवता खुशियां मनाने धरती पर आते हैं, जिसके उपलक्ष्य में बनारस के घाटों पर दीप जलाए जाते हैं।
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    धार्मिक मान्यताओं के अनुसार कार्तिक पूर्णिमा से कुछ दिन पहले देवउठनी एकादशी पर भगवान विष्णु 4 महीने के बाद अपनी निद्रा से जागते हैं। जिसकी खुशी में सभी देवता स्वर्ग से उतरकर बनारस के घाटों पर दीपों का उत्सव मनाते हैं।
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    ऐसी इससे जुड़ी अन्य मान्यता के अनुसार दीपावली पर देवी लक्ष्मी अपने प्रभु भगवान विष्णु से पहले जाग जाती हैं, जिस बाद दीपावली के 15वें दिन कार्तिक पूर्णिमा के दिन देवताओं की दीपावली मनाई जाती है।
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    तो वहीं अन्य मान्यताओं के मुताबिक तीनों लोकों में त्रिपुरासुर राक्षस का आंतक था। तब देवों के देव महादेव शिव शंभू ने कार्तिक पूर्णिमा के दिन काशी में पहुंच कर त्रिपुरासुर राक्षस का वध किया था और समस्त देवी-देवताओं आदि को उसके अत्याचारों से मुक्ति दिलाई थी।
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    जिसके बाद सभी देवताओं ने प्रसन्न होकर सभी देवताओं ने स्वर्ग लोक में दीप जलाकर दीपोत्सव मनाया था।
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    बताया जाता है देव दिवाली की परंपरा सबसे पहले बनारस के पंचगंगा घाट पर 1915 में हज़ारों की संख्या में दिए जलाकर की गई थी।
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    Dev Diwali 2020:काशी में ही क्या मनाया जाता है देव दिवाली का पर्व

    जिसके बाद से बनारस में भव्य तरीके से घाटों पर दीये सजाए जाते हैं। बताते चलें कि बनारस का यह उत्सव लगभग 3 दशक पहले कुछ उत्साही लोगों के प्रयासों से शुरू हुआ।