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Dharmrajeshwar Temple story: अद्भुत है यह मंदिर, जिसका शिखर पहले बना और नींव बाद में
भारत में प्राचीन काल में स्थापत्य कला कितनी विकसित थी, इसका प्रत्यक्ष प्रमाण हमारे प्राचीन मंदिर देते हैं।
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Dharmrajeshwar Temple story: अद्भुत है यह मंदिर, जिसका शिखर पहले बना और नींव बाद में
इस मंदिर को विशाल चट्टान काटकर बनाया गया है। इस अद्भुत और अकल्पनीय मंदिर का निर्माण ही उल्टे तरीके से हुआ है। इसमें शिखर पहले बना और नीचे का हिस्सा यानी नींव का निर्माण बाद में हुआ।
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Dharmrajeshwar Temple story: अद्भुत है यह मंदिर, जिसका शिखर पहले बना और नींव बाद में
यह मंदिर एकात्मक शैली में बना है। केंद्र में 14.53 मीटर की ऊंचाई और 10 मीटर की चौड़ाई वाला एक बड़ा पिरामिड के आकार का मंदिर है।
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Dharmrajeshwar Temple story: अद्भुत है यह मंदिर, जिसका शिखर पहले बना और नींव बाद में
धर्मराजेश्वर मंदिर भले ही जमीन के अंदर बना है, लेकिन सूर्य की पहली किरण मंदिर के गर्भगृह तक जाती है। ऐसा लगता है मानो भगवान सूर्य घोड़ों पर सवार होकर शिव जी और विष्णु जी के दर्शन के लिए आए हों।
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Dharmrajeshwar Temple story: अद्भुत है यह मंदिर, जिसका शिखर पहले बना और नींव बाद में
ऐसी मान्यता है कि शिवरात्रि के अवसर पर यहां रात रुकने से मोक्ष मिलता है। मंदिर के करीब पहुंचने तक यह अहसास नहीं होता है कि यहां कोई मंदिर भी होगा।
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Dharmrajeshwar Temple story: अद्भुत है यह मंदिर, जिसका शिखर पहले बना और नींव बाद में
इसके गर्भगृह में ऊपर भगवान विष्णु की प्राचीन प्रतिमा और तलघर में बड़ा-सा शिवलिंग स्थापित है। मुख्य मंदिर के आसपास सात छोटे मंदिर हैं। इनमें अन्य देवी-देवताओं की मूर्तियां विराजित हैं।
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Dharmrajeshwar Temple story: अद्भुत है यह मंदिर, जिसका शिखर पहले बना और नींव बाद में
दिर के बारे में कोई पुगता प्रमाण तो नहीं है, लेकिन इतिहासकार मंदिर के निर्माण को 8वीं शताब्दी का मानते हैं।