Dussehra Special: यहां रावण नहीं जलाई जाती है पूरी लंका!
  • >X

    Dussehra Special: यहां रावण नहीं जलाई जाती है पूरी लंका!

    बताया जाता है कुल्लु की हसीन वादियों में मनाया जाने वाला दशहरा अपनी एक अनोखी परंपरा के चलते न केवल देश में बल्कि कई अन्य देशों में भी प्रसिद्ध है।
  • <>X

    Dussehra Special: यहां रावण नहीं जलाई जाती है पूरी लंका!

    दरअसल कुल्लू में मनाए जाने वाले दशहरे के दौरान रावण को नहीं जलाया जाता। बताया जाता है ये अनोखी परंपरा कुल्लू में 17वीं शताब्दी से चली आ रही है।
  • <>X

    Dussehra Special: यहां रावण नहीं जलाई जाती है पूरी लंका!

    बात उस समय की है जब कुल्लू में राजाओं का शासन चलता था। लोक मान्यताओं के अनुसार 17वीं शताब्दी में कुल्लू के राजा जगत सिंह के हाथों एक ब्राह्मण की मौत हो गई थी।
  • <>X

    Dussehra Special: यहां रावण नहीं जलाई जाती है पूरी लंका!

    जिसके बाद राजा जगत ने प्रायश्चित करने के लिए अपने सिंहासन का त्याग कर दिया और उस पर भगवान रघुनाथ की मूर्ति को विराजमान कर दिया।
  • <>X

    Dussehra Special: यहां रावण नहीं जलाई जाती है पूरी लंका!

    इसके साथ ही राजा जगत सिंह ने कसम ली कि अब से इस कुल्लू साम्राज्य पर केवल भगवान रघुनाथ के वंशज ही राज करेंगे। प्रचलित पौराणिक कथाओं के अनुसार तो राजा जगत, प्रभु राम की एक मूर्ति को लाने के लिए उनके जन्मस्थान अयोध्या पहुंचे।
  • <>X

    Dussehra Special: यहां रावण नहीं जलाई जाती है पूरी लंका!

    कुछ दिन बाद वापस आने पर राजा जगत ने प्रभु राम की उस मूर्ती को अपने सिंहासन पर स्थापित कर दिया। लोक मत है कि दशहरा के दौरान प्रभु रघुनाथ स्वर्ग से और भी देवताओं को यहां बुलाते हैं।
  • <>X

    Dussehra Special: यहां रावण नहीं जलाई जाती है पूरी लंका!

    कुल्लू में दशहरे के दौरान अश्विन महीने के पहले 15 दिनों में राजा सभी देवी-देवताओं को धौलपुर घाटी में रघुनाथ जी यानि श्री राम के सम्मान में यज्ञ करने के लिए न्योता देते हैं।
  • <X

    Dussehra Special: यहां रावण नहीं जलाई जाती है पूरी लंका!

    इस दौरान यहां 100 से ज्यादा देवी-देवताओं की रंग-बिरंगी सजी हुई पालकियों में बैठाया जाता है। उत्सव के पहले दिन दशहरे की देवी ‘मनाली की मां हिडिंबा’ कुल्लू आती हैं, जिसके बाद ही राजघराने के सभी सदस्यों की भीड़ उनका आशीर्वाद लेने के लिए पहुंचती है।