जानिए क्या है ग्वालियर के मोटे गणेश मंदिर का रहस्य
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    जानिए क्या है ग्वालियर के मोटे गणेश मंदिर का रहस्य

    ऐतिहासिक कहे जाने वाला शहर ग्वालियर में गणेश चतुर्थी के साथ इस साल का गणेशोत्सव का महापर्व शुरू हो चुका है। इसी कड़ी में पंजाब केसरी की टीम शहर के लगभग 500 वर्ष पुराने मोटे गणेश के मंदिर पर पहुंची।
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    जानिए क्या है ग्वालियर के मोटे गणेश मंदिर का रहस्य

    जहां पर इस खास अवसर पर आस्था के इस केंद्र पर भक्तों की भारी भीड़ देखने को मिली। तो आइए जानते हैं आखिर क्यों है मोटे गणेश से भक्तों को विशेष लगाव।
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    जानिए क्या है ग्वालियर के मोटे गणेश मंदिर का रहस्य

    शहर के खासगी बाज़ार में विराजित 500 वर्ष प्राचीन इस प्रतिमा राजस्थान के मेबाड़ रियासत से स्थापित कराने के लिए लाया गया था। यहां स्थापित इस मंदिर का जीणोद्धार तत्कालीन महाराज जीवाजी राव सिंधिया ने कराया था।
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    चूकि इंदौर के बड़े गणेश की प्रतिमा के तरह इस प्राचीन प्रतिमा का आकार वृहद है। इसलिए गणेशभक्त इन्हें मोटे गणेश जी के नाम से पुकारते हैं।
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    यहां आने वाले श्रद्धालुओं का कहना है कि मोटे गणेश जी के दर्शन मात्र से सभी समस्याओं का समाधान हो जाता है।
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    मोटे वाले गणेशजी के संबंध में एक और किदवंती प्रचलित है कि मोटे गणेशजी की प्रतिमा धरती से प्रकट हुई थी।
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    बता दें 500 वर्ष पुराने मोटे गणेश मंदिर में गणेश चतुर्थी के अवसर पर प्रत्येक वर्ष अलग थीम से लंबोदर का विशेष श्रृंगार किया जाता है। इस बार बाबा को मराठा साम्राज्य की पगड़ी से सुशोभित किया गया और उन्हें कंठी-माला हाथ में लेकर अनूठी मुद्रा में सजाया गया हैं।