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Gaya ji Dham: विष्णुपद मंदिर से प्रेतशिला तक, जानिए गया के 48 पवित्र पिंडदान स्थलों की रहस्यमयी यात्रा
हिंदू धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, पितरों की आत्मा की शांति एवं मुक्ति के लिए पिंडदान अहम कर्मकांड है। पिंडदान व श्राद्ध के लिए बिहार में स्थित गया तीर्थ को सर्वश्रेष्ठ माना गया है।
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Gaya ji Dham: विष्णुपद मंदिर से प्रेतशिला तक, जानिए गया के 48 पवित्र पिंडदान स्थलों की रहस्यमयी यात्रा
‘मोक्ष धाम’ गया को भगवान विष्णु की नगरी कहा जाता है। यही वजह है कि यहां पिंडदान के लिए देश-विदेश से तीर्थ यात्री आते हैं।
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Gaya ji Dham: विष्णुपद मंदिर से प्रेतशिला तक, जानिए गया के 48 पवित्र पिंडदान स्थलों की रहस्यमयी यात्रा
आश्विन मास के कृष्ण पक्ष को पितृपक्ष या महालय पक्ष कहा जाता है, इस दौरान यहां पिंडदान व श्राद्ध के लिए लोगों की भीड़ उमड़ती है। ऐसी मान्यता है कि जिसका भी पिंडदान व श्राद्ध यहां किया जाता है, उसे मोक्ष की प्राप्ति हो जाती है।
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Gaya ji Dham: विष्णुपद मंदिर से प्रेतशिला तक, जानिए गया के 48 पवित्र पिंडदान स्थलों की रहस्यमयी यात्रा
इसीलिए गया को मोक्षधाम कहा जाता है। गया बिहार की सीमा से लगा फल्गु नदी के तट पर स्थित है। मान्यता है कि फल्गु नदी के तट पर पिंडदान करने से मृतात्मा को बैकुंठ की प्राप्ति होती है।
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Gaya ji Dham: विष्णुपद मंदिर से प्रेतशिला तक, जानिए गया के 48 पवित्र पिंडदान स्थलों की रहस्यमयी यात्रा
इस तीर्थ का वर्णन रामायण में भी मिलता है। मान्यता है कि पिंडदान करने से मृत आत्मा को मोक्ष की प्राप्ति हो जाती है।
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ऐसे तो पिंडदान के लिए कई धार्मिक स्थान हैं, परंतु सबसे उपयुक्त स्थल बिहार के गया को माना जाता है। गया में पहले विविध नामों की 360 वेदियां थीं लेकिन उनमें से अब केवल 48 ही शेष बची हैं।