Harike Wetland: उत्तर भारत का सबसे बड़ा वेटलैंड, हरि-के-पत्तन के नाम से है मशहूर
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    Harike Wetland: उत्तर भारत का सबसे बड़ा वेटलैंड, हरि-के-पत्तन के नाम से है मशहूर

    पंजाब के तरनतारन जिले में गांव हरिके सतलुज नदी के उत्तरी तट पर स्थित है जो ब्यास नदी और सतलुज नदी के संगम के बहुत करीब है।
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    यह अमृतसर से 94 कि.मी., जालंधर से 67 कि.मी., फिरोजपुर से 86 कि.मी., लुधियाना से 80 कि.मी. और मुक्तसर से 108 कि.मी. दूर स्थित है। इसे आमतौर पर ‘हरिके पत्तन’ के नाम से जाना जाता है। ‘पत्तन’ शब्द का अर्थ है जलधारा का किनारा और इस मामले में सतलुज नदी।
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    इस गांव को 1390 के दशक में जैसलमेर के राव जैसल के वंशज हरि राव ने बसाया था। पहले यह यात्रियों के लिए नदी पार करने का एक महत्वपूर्ण क्रॉसिंग प्वाइंट था।
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    यहां तक कि सिख उपनाम ‘हरिका’ की उत्पत्ति भी हरि राव से हुई है। ‘हरिका’ जनजाति अधिकतर बरनाला, पटियाला और संगरूर जिलों में बसी हुई है।
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    यह गांव गुरु अंगद देव जी की माता दया देवी का गांव भी है। सतलुज नदी के तट पर उनके ससुराल परिवार की याद में एक गुरुद्वारा है। 1515 में बाबर के हमले के कारण ‘मत्ते दी सराय’ से स्थानांतरित होने के बाद गुरु अंगद देव जी के परिवार को कुछ समय के लिए यहीं रहना और काम करना पड़ा।