Hoysaleshwara Mandir: कर्नाटक का होयसलेश्वर मंदिर, एक बार दर्शन करने से व्यक्ति हो जाता है मंत्रमुग्ध
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    Hoysaleshwara Mandir: कर्नाटक का होयसलेश्वर मंदिर, एक बार दर्शन करने से व्यक्ति हो जाता है मंत्रमुग्ध

    होयसलेश्वर भगवान शिव को समर्पित एक मंदिर है, जो कर्नाटक के हलेबिदु नामक स्थान पर स्थित है। यह बेलूर से 16 किलोमीटर दूर है। इसका निर्माण 12वीं सदी में राजा विष्णुवर्धन के काल में हुआ।
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    इसमें 2 पवित्र स्थान हैं - एक होयसलेश्वर और दूसरा शंतालेश्वर। हलेबिदु कर्नाटक के पश्चिमी घाटों में स्थित एक ऐतिहासिक और सांस्कृतिक स्थल है।
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    यह स्थान होयसला साम्राज्य का एक महत्वपूर्ण हिस्सा था और यहां स्थित होयसलेश्वर मंदिर इसकी सबसे प्रमुख विशेषताओं में से एक है। यह मंदिर 12वीं शताब्दी में बनवाया गया था।
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    होयसलेश्वर मंदिर की वास्तुकला होयसला शैली की अद्भुत मिसाल है। इस मंदिर का निर्माण लाल-भूरे ग्रेनाइट से किया गया है, जो इसे एक विशेष सौंदर्य प्रदान करता है।
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    मंदिर का मुख्य गर्भगृह भगवान शिव को समर्पित है, जो होयसलेश्वर के नाम से प्रसिद्ध हैं। मंदिर में दो मुख्य गुम्बद हैं, जो एक-दूसरे के समांतर स्थित हैं। इनके चारों ओर अनेक छोटे-छोटे मंदिर हैं, जो अन्य देवताओं को समर्पित हैं।
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    होयसलेश्वर मंदिर की दीवारों पर बारीक और जटिल नक्काशियां देखी जा सकती हैं, जो धार्मिक और पौराणिक कथाओं को दर्शाती हैं। यहां की नक्काशी में जैन और हिंदू देवी-देवताओं के चित्र, मिथक, और विविध जीव-जंतुओं का चित्रण किया गया है।
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    यह मंदिर ना केवल धार्मिक आस्था का केंद्र है, बल्कि यह कर्नाटक के इतिहास और संस्कृति का भी एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। मंदिर का निर्माण महान सम्राट विश्णुवर्धन के समय में हुआ था, और इसके बाद के राजाओं ने भी इस मंदिर के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया।