माता चिंतपूर्णी के दर्शन के लिए रजिस्ट्रेशन के साथ-साथ थर्मल स्क्रीनिंग होगी ज़रूरी
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    माता चिंतपूर्णी के दर्शन के लिए रजिस्ट्रेशन के साथ-साथ थर्मल स्क्रीनिंग होगी ज़रूरी

    यूं तो कहा जाता है मां दुर्गा की आराधना करने के लिए किसी खास दिन की आवश्यकता नहीं होती। मगर बात करें नवरात्रि पर्व की तो, इसका महत्व अधिक माना जाता है।
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    माता चिंतपूर्णी के दर्शन के लिए रजिस्ट्रेशन के साथ-साथ थर्मल स्क्रीनिंग होगी ज़रूरी

    बता दें नवरात्रि पर्व से जुड़े दो कथाएं पड़ने सुनने को मिलती है।, जिसमें एक रामनवमी से संबंधित है, तो वहीं एक कथा महिषासुर से जुड़ी हुई है।
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    अगर महिषासुर से संबंधित कथा की बात करें तो इसके अनुसार महिषासुर नामक राक्षस था ब्रह्मदेव जी का उपासक था। जिसने अपने तप के बल पर ब्रह्मा जी से वरदान प्राप्त किया था कि कोई मनुष्य, देवता या दानव कभी उसका अंत न कर पाए।
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    इसी वरदान के चलते वह निर्दयता से तीनों लोकों में आतंक मचाने लगा। उसके अत्याचारों से सभी देवी-देवता और ऋषि-मुनि परेशान हो गए।
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    उसके बढ़ते अत्याचारों को बढ़ते देख सृष्टि के रचियता ब्रह्मा, पालनकर्ता विष्णु और देवों के देव महादेव ने अपनी शक्तियों को एक साथ करके मां दुर्गा को उत्पन्न किया।
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    कथाओं के मुताबिक देवी दुर्गा और महिषासुर के बीच पूरे नौ दिनों तक युद्ध चला। जिसके अंतस में देवी दुर्गा ने उस राक्षस का अंत किया।