>
X
Jagannath temple story: जगन्नाथ मंदिर बनने के बाद सदियों तक रेत में दबा रहा था, पढ़ें पूरी कथा
ओडिशा के पुरी स्थित जगन्नाथ धाम में रथयात्रा की रीतियां शुरू हो चुकी हैं। बीती ज्येष्ठ पूर्णिमा को श्रीमंदिर में तीनों देव प्रतिमाओं को स्नान कराया गया।
<
>
X
Jagannath temple story: जगन्नाथ मंदिर बनने के बाद सदियों तक रेत में दबा रहा था, पढ़ें पूरी कथा
मान्यता है कि 108 घड़े जल से स्नान के बाद भगवान जगन्नाथ बीमार पड़ जाते हैं और फिर 15 दिन के लिए दर्शन नहीं देते। इसे ‘अनासरा विधान’ कहते हैं।
<
>
X
Jagannath temple story: जगन्नाथ मंदिर बनने के बाद सदियों तक रेत में दबा रहा था, पढ़ें पूरी कथा
हालांकि, बीमार पड़ने की मान्यता एक किंवदंती से आती है। वास्तव में इस दौरान प्रतिमाओं को संरक्षित किए जाने के विधान भी होते हैं, इसलिए पुरी का श्रीमंदिर 15 दिन के लिए बंद रहता है।
<
>
X
Jagannath temple story: जगन्नाथ मंदिर बनने के बाद सदियों तक रेत में दबा रहा था, पढ़ें पूरी कथा
आषाढ़ अमावस्या को मंदिर के पट खुलते हैं और फिर आषाढ़ शुक्ल पक्ष की द्वितीय तिथि को भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा निकलती है, जोकि समूचे विश्व में प्रसिद्ध है।
<
>
X
Jagannath temple story: जगन्नाथ मंदिर बनने के बाद सदियों तक रेत में दबा रहा था, पढ़ें पूरी कथा
उत्कल क्षेत्र के राजा इंद्रद्युम्न और उनकी पत्नी रानी गुंडिचा ने बड़े ही परिश्रम से भगवान नीलमाधव के लिए मंदिर बनवाया। हनुमान जी ने इसमें उनकी सहायता की।
<
X
Jagannath temple story: जगन्नाथ मंदिर बनने के बाद सदियों तक रेत में दबा रहा था, पढ़ें पूरी कथा
देव शिल्पी विश्वकर्मा बूढ़े शिल्पकार के वेश में आए और उन्होंने सशर्त भगवान जगन्नाथ की प्रतिमाएं तैयार कर दीं। इन प्रतिमाओं में विग्रह समाहित किया गया और फिर इन्हें मंदिर में स्थापित कर दिया गया।