Khatu Shyam Ji Mandir: इस तरह से खाटू श्याम मंदिर अस्तित्व में आया
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    Khatu Shyam Ji Mandir: इस तरह से खाटू श्याम मंदिर अस्तित्व में आया

    मान्यता है कि इस बालक में बचपन से ही वीर और महान योद्धा के गुण थे और इन्होंने भगवान शिव को प्रसन्न कर उनसे तीन अभेद्य बाण प्राप्त किए थे।
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    Khatu Shyam Ji Mandir: इस तरह से खाटू श्याम मंदिर अस्तित्व में आया

    अपनी कलाएं एवं अपनी शक्तियां प्रदान करते हुए भगवान श्रीकृष्ण बोले, ‘‘बर्बरीक धरती पर तुम से बड़ा दानी न तो कोई हुआ है और न ही होगा। मां को दिए वचन के अनुसार तुम हारने वाले का सहारा बनोगे।
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    उन्होंने ब्राह्मण से उनके असली रूप के दर्शन की इच्छा व्यक्त की। भगवान श्रीकृष्ण ने उन्हें अपने विराट रूप में दर्शन दिए।
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    अंतर्यामी, सर्वव्यापी भगवान श्रीकृष्ण तो युद्ध का अंत जानते थे इसलिए उन्होंने सोचा कि अगर कौरवों को हारता देखकर बर्बरीक कौरवों का साथ देने लगा तो पांडवों की हार तय है।
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    बर्बरीक के शीश ने उत्तर दिया, ‘‘भगवन युद्ध में आपका सुदर्शन चक्र नाच रहा था और जगदम्बा लहू का पान कर रही थीं, मुझे तो ये लोग कहीं भी नजर नहीं आए।’’
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    बर्बरीक का उत्तर सुन सभी की नजरें नीचे झुक गईं। तब श्रीकृष्ण ने बर्बरीक का परिचय कराया और उनसे प्रसन्न होकर इनका नाम श्याम रख दिया।