>
X
इस मंदिर में बलि चढ़ाने के बाद दोबारा जी उठता है बकरा
भारत में कई ऐसे मंदिरों के बारें में सुना होगा जहां बलि चढ़ाई जाती है लेकिन आज हम आपको जिस मंदिर के बारें में बताने जा रहें हैं। उसका इतिहास बेहद निराला है क्योंकि इस मंदिर में बकरे की बलि तो चढ़ती है।
<
>
X
इस मंदिर में बलि चढ़ाने के बाद दोबारा जी उठता है बकरा
लेकिन बकरा मरता नहीं है और बलि के कुछ समय बाद दोबारा जिंदा होकर खुद ही चलता हुआ मंदिर से बाहर आ जाता है।
<
>
X
इस मंदिर में बलि चढ़ाने के बाद दोबारा जी उठता है बकरा
। जी हां, आपको बता दें, माता रानी का ये बिहार के कैमूर जिले के कौरा क्षेत्र में स्थित है। भगवान शिव और देवी शक्ति को समर्पित ये मुंडेश्वरी देवी मंदिर के नाम से प्रसिद्ध है।
<
>
X
इस मंदिर में बलि चढ़ाने के बाद दोबारा जी उठता है बकरा
मान्यता है कि मां दुर्गा चंड व मुंड नामक राक्षसों का वध करने के लिए इसी स्थान पर प्रकट हुई थी। चंड के वध के बाद मुंड इस स्थान पर एक पहाड़ी के पीछे छिप गया था और इसी स्थान पर ही मां दुर्गा ने मुंड का वध किया था।
<
>
X
इस मंदिर में बलि चढ़ाने के बाद दोबारा जी उठता है बकरा
इसी कारण ही इस स्थान को मुंडेश्वरी देवी के नाम से जाना जाता है।मंदिर में स्थापित शिवलिंग से जुड़ी एक अदभुत बात ये है कि इस शिवलिंग का रंग दिन में कई बार बदलता है जो अपने आप में एक रहस्य है।
<
>
X
इस मंदिर में बलि चढ़ाने के बाद दोबारा जी उठता है बकरा
कहा जाता है कि शिवलिंग का रंग सुबह के समय अलग होता है, दोपहर के समय अलग और शाम होते ही इसका रंग अलग हो जाता है।
<
>
X
इस मंदिर में बलि चढ़ाने के बाद दोबारा जी उठता है बकरा
इस मंदिर में सबसे अजीबो गरीब परंपरा ये है कि इस मंदिर में बलि चढ़ाने की परंपरा अन्य मंदिरों से बिल्कुल अलग है।
<
X
इस मंदिर में बलि चढ़ाने के बाद दोबारा जी उठता है बकरा
क्योंकि यहां कि खास बात ये है कि इस मंदिर में जिस बकरे की बलि चढ़ाई जाती है उसकी जान नहीं ली जाती।