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Maa Saptashrungi Shaktipeeth: नासिक के इस पर्वत पर किया था मां दुर्गा ने महिषासुर का वध, 472 सीढ़ियां चढ़ने के बाद होते हैं दर्शन
आज से नवरात्रि की शुरुआत हो चुकी है। नवरात्रि में नौ दिनों तक आदि शक्ति दुर्गा के अलग-अलग स्वरूपों की पूजा की जाती है
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Maa Saptashrungi Shaktipeeth: नासिक के इस पर्वत पर किया था मां दुर्गा ने महिषासुर का वध, 472 सीढ़ियां चढ़ने के बाद होते हैं दर्शन
इस दौरान देश भर में सभी दुर्गा मंदिरों में मां के भक्तों की भारी भीड़ जुटती है और देवी के भक्त पूरी श्रद्धा से मां की आराधना कर सुख-समृद्धि की कामना करते हैं।
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Maa Saptashrungi Shaktipeeth: नासिक के इस पर्वत पर किया था मां दुर्गा ने महिषासुर का वध, 472 सीढ़ियां चढ़ने के बाद होते हैं दर्शन
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, मां दुर्गा ने शेर पर सवार होकर महिषासुर नामक राक्षस का वध किया था, इसलिए इन्हें महिषासुर मर्दिनी भी कहा जाता है।
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Maa Saptashrungi Shaktipeeth: नासिक के इस पर्वत पर किया था मां दुर्गा ने महिषासुर का वध, 472 सीढ़ियां चढ़ने के बाद होते हैं दर्शन
नवरात्रि में अगर आप माता दुर्गा के अद्भुत मंदिरों के दर्शन करना चाहते हैं, तो आपको सप्तशृंगी देवी मंदिर में भी दर्शन करने के लिए जरूर जाना चाहिए।
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Maa Saptashrungi Shaktipeeth: नासिक के इस पर्वत पर किया था मां दुर्गा ने महिषासुर का वध, 472 सीढ़ियां चढ़ने के बाद होते हैं दर्शन
मान्यता है कि यहीं मां दुर्गा ने महिषासुर का वध किया था। मंदिर की खास बात है कि महाराष्ट्र के नासिक में 4800 फुट ऊंची पहाड़ी पर यह स्थित है।
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Maa Saptashrungi Shaktipeeth: नासिक के इस पर्वत पर किया था मां दुर्गा ने महिषासुर का वध, 472 सीढ़ियां चढ़ने के बाद होते हैं दर्शन
इस तक पहुंचने के लिए 472 सीढ़ियां चढ़कर जाना पड़ता है। सप्तशृंग पर्वत पर मां भवानी के इस अद्भुत मंदिर को सप्तशृंगी देवी के नाम से जानते हैं।
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Maa Saptashrungi Shaktipeeth: नासिक के इस पर्वत पर किया था मां दुर्गा ने महिषासुर का वध, 472 सीढ़ियां चढ़ने के बाद होते हैं दर्शन
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार 108 शक्तिपीठों में से साढ़े तीन शक्तिपीठ महाराष्ट्र में स्थित हैं। बता दें कि आदि शक्ति स्वरूपा सप्तशृंगी देवी को ही अर्धशक्तिपीठ के रूप में पूजा जाता है।