Mahabalipuram Shore Temple: वास्तुकला और भक्ति का संगम है महाबलीपुरम का शोर मंदिर, जानें इतिहास
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    Mahabalipuram Shore Temple: वास्तुकला और भक्ति का संगम है महाबलीपुरम का शोर मंदिर, जानें इतिहास

    तमिलनाडु के महाबलीपुरम में स्थित शोर मंदिर एक प्राचीन और ऐतिहासिक धरोहर है, जिसे 8वीं शताब्दी में पल्लव राजा नरसिंहवर्मन द्वितीय ने बनवाया था।
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    Mahabalipuram Shore Temple: वास्तुकला और भक्ति का संगम है महाबलीपुरम का शोर मंदिर, जानें इतिहास

    यह मंदिर आस्था, इतिहास और आश्चर्य का अद्भुत संगम है। यह मंदिर बंगाल की खाड़ी के तट पर स्थित है और इसकी खासियत यह है कि यहां भगवान शिव और भगवान विष्णु दोनों की पूजा होती है।
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    Mahabalipuram Shore Temple: वास्तुकला और भक्ति का संगम है महाबलीपुरम का शोर मंदिर, जानें इतिहास

    सूर्योदय और सूर्यास्त के समय इस मंदिर का दृश्य अत्यंत मनमोहक होता है और पर्यटक दूर-दूर से इसकी भव्यता को निहारने आते हैं। तो आइए जानत हैं कि इस मंदिर के इतिहास के बारे में-
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    Mahabalipuram Shore Temple: वास्तुकला और भक्ति का संगम है महाबलीपुरम का शोर मंदिर, जानें इतिहास

    यह मंदिर ग्रेनाइट पत्थरों से बना है और द्रविड़ शैली की वास्तुकला का शानदार उदाहरण है। समुद्र की लहरें सदियों से इसके चारों ओर उठती-गिरती रही हैं, लेकिन यह मंदिर आज भी मजबूती से खड़ा है।
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    Mahabalipuram Shore Temple: वास्तुकला और भक्ति का संगम है महाबलीपुरम का शोर मंदिर, जानें इतिहास

    2004 की सुनामी में जब आसपास के इलाके तबाह हो गए, तब भी शोर मंदिर की नींव को कोई नुकसान नहीं हुआ। इससे इसकी मजबूती और प्राचीन स्थापत्य कला की श्रेष्ठता का पता चलता है।