Maharana Pratap Jayanti: इनकी तलवार की छनक से अकबर भी घबराता था
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    Maharana Pratap Jayanti: इनकी तलवार की छनक से अकबर भी घबराता था

    महाराणा प्रताप हिन्दू शासक थे। सोलहवीं शताब्दी के राजपूत शासकों में महाराणा प्रताप ऐसे शासक थे, जो अकबर को लगातार टक्कर देते रहे।
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    Maharana Pratap Jayanti: इनकी तलवार की छनक से अकबर भी घबराता था

    विक्रमी संवत् कैलेंडर के अनुसार प्रतिवर्ष ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष तृतीया तथा वर्तमान कैलेंडर के मुताबिक 1 मई, 1540 को महाराणा प्रताप का जन्म कुंभलगढ़ किले में हुआ था। वह उदय सिंह द्वितीय और महारानी जयवंता बाई के बेटे थे।
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    दुश्मन भी उनकी युद्धकला की तारीफ करते थे। महाराणा प्रताप को बचपन में कीका के नाम से पुकारा जाता था। महाराणा प्रताप का राज्याभिषेक गोगुंदा में हुआ था। प्रताप ऐसे योद्धा थे जो कभी मुगलों के आगे नहीं झुके।
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    Maharana Pratap Jayanti: इनकी तलवार की छनक से अकबर भी घबराता था

    स्वतंत्रता देवी के अनन्य भक्त महाराणा प्रताप ने कहा था कि, ‘‘परतंत्र बनकर महलों में निवास और चांदी के पात्रों में भोजन करने से, कहीं अच्छा है जंगलों में भूमि शयन और फूल-फल पादपों और घास की रोटियां जिनमें स्वतंत्रता की सुगंध तो विद्यमान है।’’
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    Maharana Pratap Jayanti: इनकी तलवार की छनक से अकबर भी घबराता था

    ‘अकबर’ यदि बेलगाम का तुरंग था तो चढऩे का राणा बेलगाम का सवार था। राणा ने भारत की सोयी हुई हिंदू जाति को उस समय जगाया था जब हम परतंत्रता के गर्त में गिर चुके थे, हमारा गौरव दिशाहीन होकर नष्ट हो रहा था।
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    Maharana Pratap Jayanti: इनकी तलवार की छनक से अकबर भी घबराता था

    महाराणा प्रताप ने महल, अटारी, राजपाट, स्वर्णपात्र छोड़ कर सपरिवार जंगलों में रहकर घास-फूस की रोटियां, फल पत्र खाकर दिन बिताए थे और प्रतिज्ञा की थी कि जब तक देश को स्वतंत्र नहीं कर लूंगा, भीलों की तरह जीवन बिताऊंगा।