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Mallikarjun jyotirlinga: शास्त्रों से जानें, भगवान शिव के दूसरे ज्योतिर्लिंग से जुड़ी कथाएं
देश के अलग-अलग भागों में स्थित भगवान शिव के बारह ज्योर्तिलिंगों में श्री मल्लिकार्जुन एक प्रमुख ज्योर्तिलिंग है। इन्हें द्वादश ज्योर्तिलिंग के नाम से जाना जाता है।
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Mallikarjun jyotirlinga: शास्त्रों से जानें, भगवान शिव के दूसरे ज्योतिर्लिंग से जुड़ी कथाएं
इस ज्योर्तिलिंग के दर्शन, पूजन, आराधना से भक्तों के जन्म- जन्मांतर के सारे पाप समाप्त हो जाते हैं। वे भगवान शिव की कृपा के पात्र बनते हैं।
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Mallikarjun jyotirlinga: शास्त्रों से जानें, भगवान शिव के दूसरे ज्योतिर्लिंग से जुड़ी कथाएं
आंध्र प्रदेश में कृष्णा नदी के तट पर दक्षिण का कैलाश कहे जाने वाले श्री शैल पर्वत पर श्री मल्लिकार्जुन ज्योर्तिलिंग स्थित है। यह आंध्र प्रदेश के पश्चिमी भाग में कुर्नूल जिले के नल्लामल्ला जंगलों के मध्य श्री शैलम पहाड़ी पर स्थित है।
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Mallikarjun jyotirlinga: शास्त्रों से जानें, भगवान शिव के दूसरे ज्योतिर्लिंग से जुड़ी कथाएं
यहां शिव की आराधना मल्लिकार्जुन नाम से की जाती है। मंदिर का गर्भ गृह बहुत छोटा है और एक समय में अधिक लोग नहीं जा सकते। इस कारण यहां दर्शन के लिए लम्बी प्रतीक्षा करनी होती है।
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Mallikarjun jyotirlinga: शास्त्रों से जानें, भगवान शिव के दूसरे ज्योतिर्लिंग से जुड़ी कथाएं
स्कंद पुराण में श्री शैल कांडनाम का अध्याय है। इसमें उपरोक्त मंदिर का वर्णन है। इससे इस मंदिर की प्राचीनता का पता चलता है।
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तमिल संतों ने भी प्राचीन काल से ही इसकी स्तुति गाई है। कहा जाता है कि आदि शंकराचार्य ने जब इस मंदिर की यात्रा की तब उन्होंने शिवनंद लहरी की रचना की थी।
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Mallikarjun jyotirlinga: शास्त्रों से जानें, भगवान शिव के दूसरे ज्योतिर्लिंग से जुड़ी कथाएं
एक समय की बात है भगवान शंकर जी के दोनों पुत्रों श्री गणेश और श्री कार्तिकेय स्वामी विवाह के लिए परस्पर झगड़ने लगे। प्रत्येक का आग्रह था कि पहले मेरा विवाह किया जाए।