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वेंकटेश्वर मंदिर: एक दिन में बिके 2.4 लाख ''तिरुपति लड्डू'', क्या है इसकी विशेषता
आंध्र प्रदेश के वेंकटेश्वर मंदिर के जुड़ी एक खास बात सामने आई है। बता दें तिरुपति बालाजी के मंदिर में प्रसाद के रूप में मिलने वाले लड्डूओं का अपना एक खास महत्व है।
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वेंकटेश्वर मंदिर: एक दिन में बिके 2.4 लाख ''तिरुपति लड्डू'', क्या है इसकी विशेषता
दरअसल इसकी वेिशेषता ये है कि यह कई दिनों तक खराब नहीं होता है और इसे आराम से कुछ दिनों तक खा सकते हैं, इसकी कीमत मात्र 10 रूपए से लेकर 50 रूपये तक है।
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वेंकटेश्वर मंदिर: एक दिन में बिके 2.4 लाख ''तिरुपति लड्डू'', क्या है इसकी विशेषता
मान्यता है यहां आने वाले लोग इस खास प्रसाद को लज़रूर लेकर जाते हैं। यहां के पुजारियों द्वारा बताया जाता है कि बालाजी में चढ़ने वाले ये लड्डू एकदम ताज़ा होते हैं, प्रत्येक दिन यहां लगभग तीन लाख लड्डू तैयार किए जाते हैं। जिनके लिए एक खास जगह निर्धारित की गई है।
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वेंकटेश्वर मंदिर: एक दिन में बिके 2.4 लाख ''तिरुपति लड्डू'', क्या है इसकी विशेषता
इतना ही नहीं इस लड्डू को बनाने वाला रसोइया भी अलग हैं, जिस 'पोटू' के नाम से जाना जाता है। बेसन, किशमिश, मक्खन, काजू और इलायची के इस्तेमाल से बने इस लड्डू का वजन 174 ग्राम का होता है।
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वेंकटेश्वर मंदिर: एक दिन में बिके 2.4 लाख ''तिरुपति लड्डू'', क्या है इसकी विशेषता
इस अद्भुत लड्डू को प्रसाद के रूप में पाने के लिए एक सुरक्षा दायरे से होकर गुजरना पड़ता है। जिसमें सुरक्षा कोड और बायोमेट्रिक विवरण जैसे, चेहरे को पहचानना वगैरह मौज़ूद होते हैं
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वेंकटेश्वर मंदिर: एक दिन में बिके 2.4 लाख ''तिरुपति लड्डू'', क्या है इसकी विशेषता
बताया जा रहा है आज इसकी खरीदी का पहला दिन, जिस दौरान 2.4 लाख 'तिरुपति लड्डुओं' की बिक्री हुई।
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वेंकटेश्वर मंदिर: एक दिन में बिके 2.4 लाख ''तिरुपति लड्डू'', क्या है इसकी विशेषता
बता दें इस बार ये 'तिरुपति लड्डू' आधी कीमत पर उपलब्ध कराए गए थे। सोमवार को मंदिर के एक अधिकारी ने इस बारे में जानकारी दी।
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साथ ही उसने ये भी बताया कि कोविड-19 संक्रमण के अधिक मामलों के चलते गुंटूर जिले में लड्डू बिक्री के लिए नहीं रखे गए और जिले के लिए आए लड्डुओं को विजयवाड़ा में स्थानांतरित कर दिया गया।