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Mukteshwar Dham: 5500 वर्ष से भी पुराना है पठानकोट का मुक्तेश्वर धाम, मंदिर की चार गुफाएं देती हैं महाभारत कालीन होने की गवाही
पंजाब में पठानकोट के प्रसिद्ध मुक्तेश्वर शिव धाम को प्राचीन पांडव गुफा के नाम से भी जाना जाता है। शिवालिक की पहाड़ियों में लगभग 5500 साल से भी पुराने इस धाम के बारे में कहा जाता है कि इसे पांडवों ने बसाया था। इस धाम को ‘छोटा हरिद्वार’ भी कहा जाता है।
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Mukteshwar Dham: 5500 वर्ष से भी पुराना है पठानकोट का मुक्तेश्वर धाम, मंदिर की चार गुफाएं देती हैं महाभारत कालीन होने की गवाही
मान्यता है कि आज जिस स्थान पर मुक्तेश्वर महादेव का मंदिर स्थित है, वहां करीब 5500 साल पहले धर्मराज युधिष्ठिर अपने भाइयों और द्रोपदी के साथ इन्हीं कंदराओं में रुके थे, जिसके प्रमाण आज भी मौजूद हैं।
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Mukteshwar Dham: 5500 वर्ष से भी पुराना है पठानकोट का मुक्तेश्वर धाम, मंदिर की चार गुफाएं देती हैं महाभारत कालीन होने की गवाही
कहा जाता है कि इस स्थान का वर्णन स्कंद पुराण में भी मिलता है। भगवान शिव को समर्पित, मुक्तेश्वर महादेव गुफा-मंदिर रावी नदी के तट पर स्थित है। मंदिर का मुख्य आकर्षण संगमरमर का एक शिवलिंग है।
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Mukteshwar Dham: 5500 वर्ष से भी पुराना है पठानकोट का मुक्तेश्वर धाम, मंदिर की चार गुफाएं देती हैं महाभारत कालीन होने की गवाही
ब्यास और चोच नदियों के संगम स्थल इंदौरा से करीब 7 किलोमीटर दूर रावी नदी पर बने रणजीत सागर बांध और निर्माणधीन शाहपुर कंडी बांध के बीच गांव ढूंग में स्थित है मुक्तेश्वर महादेव का मंदिर।
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Mukteshwar Dham: 5500 वर्ष से भी पुराना है पठानकोट का मुक्तेश्वर धाम, मंदिर की चार गुफाएं देती हैं महाभारत कालीन होने की गवाही
मंदिर से कुछ किलोमीटर पहले रावी नदी के बहने का शोर सुनाई देना शुरू हो जाता है। 164 सीढ़ियां उतरने के बाद मंदिर परिसर में पहुंच जाएंगे।
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Mukteshwar Dham: 5500 वर्ष से भी पुराना है पठानकोट का मुक्तेश्वर धाम, मंदिर की चार गुफाएं देती हैं महाभारत कालीन होने की गवाही
मंदिर में चार गुफाएं हैं जो अपने महाभारतकालीन होने की गवाही देती हैं। थोड़ा नीचे उतरने पर दो गुफाओं में से एक बड़ी गुफा में मंदिर और परिवार मिलन कक्ष आज भी है।