यहां किया था देवी ने मुंड का नाश, आज भी देखने को मिलते हैं अद्भुत चमत्कार
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    यहां किया था देवी ने मुंड का नाश, आज भी देखने को मिलते हैं अद्भुत चमत्कार

    कैमूर पर्वत की पवरा पहाड़ी पर 608 फीट ऊंचाई पर स्थित भारत के प्राचीन मंदिरों में एक कहलाने वाले माता मुंडेश्वरी मंदिर देश के साथ-साथ विदेशों में भी प्रसिद्ध है।
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    यहां किया था देवी ने मुंड का नाश, आज भी देखने को मिलते हैं अद्भुत चमत्कार

    देवी के अन्य शक्तिपीठों की तरह देवी के इस स्थान पर भी बलि दी जाती है मगर यहां बलि देने की प्रक्रिया थोड़ी अलग है।
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    बताया जाता है यहां सात्विक परंपरा के अनुसार बालि दी जाती है। बलि में बकरा चढ़ाया जाता है लेकिन उसे मारा नहीं जाता।
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    कहा जाता है कि जो भी यहां सच्चे मन से मां की उपासना करता है, उसे मां मुंडेश्वरी ज़रूर पूरी करती हैं।
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    कहा जाता है यहां पर बलि के लिए बकरे को लाकर मां के समक्ष प्रस्तुत किया जाता है, तब मंदिर का पुजारी मां की प्रतिमा को स्पर्श कर चावल बकरे पर फेंकता है तो उसी क्षण बकरा मृतप्राय सा हो जाता है।
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    इसके बाद फिर से उस अक्षत फेंका जाता है, तब बकरा उठ खड़ा होता है। इसके बाद बकरे को छोड़ दिया जाता है।
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    कथाओं के अनुसार, चण्ड-मुण्ड नाम के असुर का वध करने के लिए देवी यहां आई थी। चण्ड के वध हो जाने के बाद मुण्ड यहीं पर पहाड़ी में छिप गया।
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    जिसके बाद माता ने यहीं मुण्ड का वध किया। यही कारण है कि देवी माता यहां मुण्डेशवरी के नाम प्रसिद्ध हैं।