Murud Janjira Fort: भारत का अनोखा किला, जिसे नहीं जीता पाया आज तक कोई राजा
  • >X

    Murud Janjira Fort: भारत का अनोखा किला, जिसे नहीं जीता पाया आज तक कोई राजा

    मुरुड को कभी हबसन या हब्शी के नाम से जाना जाता था जिसका मराठी में अर्थ है अब्य्स्सिनियन। मुरुड शब्द मोरोड़ से जुड़ा हुआ है जो एक कोंकणी शब्द है।
  • <>X

    Murud Janjira Fort: भारत का अनोखा किला, जिसे नहीं जीता पाया आज तक कोई राजा

    इस प्रकार इस किले का नाम कोंकणी और अरबी शब्द (मोरोड़ और जंजीरा) से पड़ा जो बाद में मुरुड़ जंजीरा के नाम से जाना जाने लगा है। अनेक लोग इस किले को जल जीरा भी कहते हैं क्योंकि यह स्मारक चारों ओर से अरब सागर से घिरा हुआ है।
  • <>X

    Murud Janjira Fort: भारत का अनोखा किला, जिसे नहीं जीता पाया आज तक कोई राजा

    मुरुड जंजीरा एक प्रसिद्ध बंदरगाह है जो महाराष्ट्र राज्य के रायगढ़ जिले के अंतर्गत एक तटीय गांव मुरुड में स्थित है। किसी समय सिद्दी राजवंश द्वारा कब्जे में किया गया यह केवल एक ही किला है जो मराठों, पुर्तगालियों, डच तथा इंगलिश ईस्ट इंडिया कम्पनी के अनेक हमलों के बाद भी खराब नहीं हुआ और न ही हारा।
  • <>X

    Murud Janjira Fort: भारत का अनोखा किला, जिसे नहीं जीता पाया आज तक कोई राजा

    जंजीरा नाम हिन्दोस्तानी मूल का नहीं है। इसका उद्भव अरबी शब्द जजीरा से हुआ है जिसका अर्थ टापू या द्वीप होता है।
  • <>X

    Murud Janjira Fort: भारत का अनोखा किला, जिसे नहीं जीता पाया आज तक कोई राजा

    12वीं शताब्दी में जब सिद्दी राजवंश द्वारा यह किला बनाया गया उस समय मुरुड शहर जंजीर के सिद्दियों की राजधानी था। विदेशी और घरेलू सत्तारूढ़ राजवंशों ने इस किले में घुसने तथा कब्जा करने के अनेक असफल प्रयत्न किए जिसमें सबसे अधिक नुक्सान मराठों का हुआ।
  • <X

    Murud Janjira Fort: भारत का अनोखा किला, जिसे नहीं जीता पाया आज तक कोई राजा

    स्मारक का दुर्ग शानदार ढंग से बनाया गया था। प्रारंभ में मुरुड के स्थानीय मछुआरों द्वारा एक लकड़ी के गढ़ के रूप में बनाया गया यह किला समुद्र की ओर से होने वाले समुद्री डाकुओं के आक्रमणों से उनके बचाव के लिए और रक्षा के लिए बनाया गया था।