क्या आप ने किए भगवान कार्तिकेय के इस निवास स्थल के दर्शन?
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    क्या आप ने किए भगवान कार्तिकेय के इस निवास स्थल के दर्शन?

    स्थानीय लोगों में मान्यता है कि एक बार नारद मुनि कैलाश पर्वत पर एक फल लेकर पहुंचे। यह ज्ञान का फल था। शिव जी ने यह फल अपने दोनों बेटों गणेश और कार्तिकेय को दिया, पर मुनि को मंजूर नहीं था कि फल को दो हिस्सों में काटा जाए।
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    क्या आप ने किए भगवान कार्तिकेय के इस निवास स्थल के दर्शन?

    भगवान शिव के पुत्र कार्तिकेय को दक्षिण भारत में मुरुगन कहा जाता है। उनका सबसे विशाल व प्रसिद्ध मंदिर दक्षिण में तमिलनाडु के पलानी में स्थित है। मुरुगन स्वामी मंदिर शिवगिरी पर्वत पर बना है। पर्वत की ऊंचाई 160 मीटर है, जहां ऊपर तक रोप-वे से भी जा सकते हैं
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    क्या आप ने किए भगवान कार्तिकेय के इस निवास स्थल के दर्शन?

    स्थानीय लोगों में मान्यता है कि एक बार नारद मुनि कैलाश पर्वत पर एक फल लेकर पहुंचे। यह ज्ञान का फल था। शिव जी ने यह फल अपने दोनों बेटों गणेश और कार्तिकेय को दिया, पर मुनि को मंजूर नहीं था कि फल को दो हिस्सों में काटा जाए।
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    क्या आप ने किए भगवान कार्तिकेय के इस निवास स्थल के दर्शन?

    अधिकांश गणपति मूर्तियों में सूंड बाईं ओर होती है वहीं इस मंदिर की गणपति प्रतिमा की सूंड दाईं ओर को है। ऐसी गणपति मूर्ति को सक्रिय (जागृत) कहा जाता है। इन गणपति को एक जीवित मूर्ति के रूप में माना जाता है,
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    क्या आप ने किए भगवान कार्तिकेय के इस निवास स्थल के दर्शन?

    जो सौभाग्य, ज्ञान, समृद्धि और खुशी का आशीर्वाद देते हैं। मूर्ति को सोने से अलंकृत किया गया है जो 125 किलो वजनी है। इस मंदिर का निर्माण सन् 1779 में परशुराम भाऊ पटवर्धन द्वारा शुरू किया गया था और उनके पुत्र अप्पा पटवर्धन द्वारा पूरा किया गया।
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    क्या आप ने किए भगवान कार्तिकेय के इस निवास स्थल के दर्शन?

    स्कंद पुराण में शीतला देवी का वाहन गर्दभ (गधा) बताया गया है। वह हाथों में कलश, सूप, मार्जन तथा नीम के पत्ते धारण करती हैं। इन्हें चेचक आदि कई रोगों से रक्षा करने वाली देवी बताया गया है।
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    क्या आप ने किए भगवान कार्तिकेय के इस निवास स्थल के दर्शन?

    हरियाणा राज्य के गुड़गांव में स्थित माता शीतला का मंदिर प्रसिद्ध धार्मिक स्थलों में से एक है जहां वर्ष में दो बार एक-एक माह का मेला लगता है। विशेषतः: माता के नवरात्रों के अवसर पर मंदिर में बड़ी संख्या में भक्त जमा होते हैं।