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Nagchandreshwar Mandir: नाग देवता का अनोखा मंदिर साल में खुलता है एक बार, आप भी करें दर्शन
सावन मास के शुक्ल पंचमी तिथि को नाग पंचमी का त्यौहार मनाया जाता है। इस बार यह 21 अगस्त को मनाया जा रहा है। आज भगवान शिव के आभूषण नाग देव की पूजा की जाती है।
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Nagchandreshwar Mandir: नाग देवता का अनोखा मंदिर साल में खुलता है एक बार, आप भी करें दर्शन
महाकाल की नगरी उज्जैन को मंदिरों का शहर कहा जाता है। इस शहर की हर गली में एक मंदिर है लेकिन नागचंद्रेश्वर मंदिर की आभा बेहद निराली है। मंदिर की सबसे खास बात है कि इसके कपाट केवल नाग पंचमी के दिन ही खुलते हैं।
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Nagchandreshwar Mandir: नाग देवता का अनोखा मंदिर साल में खुलता है एक बार, आप भी करें दर्शन
सनातन धर्म में सर्प को पूजनीय माना गया है। नाग पंचमी के दिन नागों की पूजा की जाती है और उन्हें गाय के दूध से स्नान कराया जाता है। माना जाता है कि जो लोग नाग पंचमी के दिन नाग देवता के साथ ही भगवान शिव की पूजा और रुद्राभिषेक करते हैं
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Nagchandreshwar Mandir: नाग देवता का अनोखा मंदिर साल में खुलता है एक बार, आप भी करें दर्शन
उनके जीवन से कालसर्प दोष खत्म हो जाता है। साथ ही राहू और केतु की अशुभता भी दूर होती है।
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Nagchandreshwar Mandir: नाग देवता का अनोखा मंदिर साल में खुलता है एक बार, आप भी करें दर्शन
भगवान नागचंद्रेश्वर की मूर्ति काफी पुरानी है और इसे नेपाल से लाया गया था। नागचंद्रेश्वर मंदिर में जो अद्भुत प्रतिमा विराजमान है, उसके बारे में कहा जाता है कि वह 11वीं शताब्दी की है। इस प्रतिमा में शिव-पार्वती अपने पूरे परिवार के साथ आसन पर बैठे हुए हैं और उनके ऊपर सांप फन फैलाकर बैठा हुआ है।
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Nagchandreshwar Mandir: नाग देवता का अनोखा मंदिर साल में खुलता है एक बार, आप भी करें दर्शन
उज्जैन के अलावा कहीं भी ऐसी प्रतिमा नहीं है। यह दुनिया भर का एकमात्र मंदिर है जिसमें भगवान शिव अपने परिवार के साथ सांपों की शैया पर विराजमान हैं।
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Nagchandreshwar Mandir: नाग देवता का अनोखा मंदिर साल में खुलता है एक बार, आप भी करें दर्शन
मान्यताओं के अनुसार भगवान नागचंद्रेश्वर की त्रिकाल पूजा की परंपरा है। त्रिकाल पूजा का मतलब तीन अलग-अलग समय पर पूजा। पहली पूजा मध्यरात्रि में महानिर्वाणी होती है, दूसरी पूजा नागपंचमी के दिन दोपहर में शासन द्वारा की जाती है