यहां श्रीराम ने किया था अपने पिता दशरथ का ‘श्राद्ध’
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    यहां श्रीराम ने किया था अपने पिता दशरथ का ‘श्राद्ध’

    पापनाशन 108 शिवलिंग मंदिर, तंजावुर, तमिलनाडु रामेश्वरम मंदिर की तरह ही बनाया गया है। मंदिर के भीतर कुल 108 शिवलिंग स्थापित किए गए हैं।
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    यहां श्रीराम ने किया था अपने पिता दशरथ का ‘श्राद्ध’

    खर-दूषण तथा त्रिशिरा की ब्रह्म हत्या के पाप से मुक्ति के लिए श्रीराम ने यहां शिव पूजा की थी।
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    यहां श्रीराम ने किया था अपने पिता दशरथ का ‘श्राद्ध’

    लंका जाते समय श्रीराम यहां आए और उन्होंने अपने पिता दशरथ जी का श्राद्ध भी किया था। आस-पास श्री राम यात्रा से संबंधित कुछ अन्य स्थल भी हैं।
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    यहां श्रीराम ने किया था अपने पिता दशरथ का ‘श्राद्ध’

    लोक कथा के अनुसार यहां से कुछ दूरी पर भैरव मंदिर, मनकत्तूर में स्थानीय प्रभाव से लक्ष्मण जी का मन राम भक्ति से हट गया था। बाणावर में बाणेश्वर मंदिर है।
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    यहां श्रीराम ने किया था अपने पिता दशरथ का ‘श्राद्ध’

    कन्नड़ शब्द ‘बाण होरा’ का अर्थ ‘बाण नहीं उठा सकता’ होता है। यहां लक्ष्मण जी ने श्री राम के धनुष-बाण लेकर चलने से मना कर दिया था।
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    भगवान शिव ने इसे स्थानीय प्रभाव बता कर दोनों को शांत किया था।
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    यहां श्रीराम ने किया था अपने पिता दशरथ का ‘श्राद्ध’

    राम देवर गुड्डा (राम देव पहाड़ी) के निकट जंगल में भगवान शिव का मंदिर है। रामनाथपुरा में लक्ष्मणेश्वर मंदिर कावेरी नदी पार करके है।
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    यहां श्रीराम ने किया था अपने पिता दशरथ का ‘श्राद्ध’

    यात्रा में श्रीराम और लक्ष्मण जी अलग-अलग चल रहे थे।
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    यहां श्रीराम ने किया था अपने पिता दशरथ का ‘श्राद्ध’

    शिव पूजा का समय हुआ तो राम जी ने नदी पार नहीं की इसलिए लक्ष्मण जी ने कावेरी नदी के पार यहां शिव पूजा की तथा लक्ष्मणेश्वर मंदिर की स्थापना की।