Panchavati anjaneya mandir: पुडुचेरी में स्थित है हनुमान जी का पंचवटी आंजनेय मंदिर, जानें इसका इतिहास
  • >X

    Panchavati anjaneya mandir: पुडुचेरी में स्थित है हनुमान जी का पंचवटी आंजनेय मंदिर, जानें इसका इतिहास

    : पुडुचेरी का प्रसिद्ध ‘पंचवटी आंजनेय मंदिर ’प्राचीन भारतवर्ष के जनपद पुड्डुचेरी को फ्रैंच हुकूमत एवं ब्रिटिश दोनों ने ही नाम दिया पांडिचेरी। यहां बहुत काल तक फ्रांसिसियों ने शासन किया। स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद इसका विलय भारत में हुआ।
  • <>X

    Panchavati anjaneya mandir: पुडुचेरी में स्थित है हनुमान जी का पंचवटी आंजनेय मंदिर, जानें इसका इतिहास

    इसके बाद इसका प्राचीन नाम पुन: पुड्डुचेरी रखा गया। इसे केंद्र शासित राज्य (प्रांत) का दर्जा प्राप्त होने से यह वर्तमान तमिलनाडु से तीन ओर घिरे रहने व पूर्व में समुद्र केरहने के बाद भी इसका शासन तंत्र दिल्ली के अधीन है।
  • <>X

    Panchavati anjaneya mandir: पुडुचेरी में स्थित है हनुमान जी का पंचवटी आंजनेय मंदिर, जानें इसका इतिहास

    पुड्डुचेरी से 9 किलोमीटर दूर पांजावेड़ी गांव में पंचमुखी हनुमान जी की खड़ी हुई मूर्ति विराजमान है। यह पंचवटी आंजनेय मंदिर अथवा पंचवटी पंचमुखी हनुमान मंदिर के नाम से विख्यात है।
  • <>X

    Panchavati anjaneya mandir: पुडुचेरी में स्थित है हनुमान जी का पंचवटी आंजनेय मंदिर, जानें इसका इतिहास

    भारत भर में अद्भुत हनुमान मंदिरों में से यह एक है, जहां हनुमान जी के पांच मुख (मस्तक) हैं और यहां प्रभु श्री राम जी का दरबार सजा हुआ है।
  • <>X

    Panchavati anjaneya mandir: पुडुचेरी में स्थित है हनुमान जी का पंचवटी आंजनेय मंदिर, जानें इसका इतिहास

    यहां हनुमान जी की प्रतिमा को विलक्षण माना जाता है। यहां विराजमान काले पत्थर से निर्मित हनुमान प्रतिमा 36 फुट ऊंची और 8 फुट चौड़ी है तथा पांच मुख लिए यह विश्व की प्रथम प्रतिमा है।
  • <X

    Panchavati anjaneya mandir: पुडुचेरी में स्थित है हनुमान जी का पंचवटी आंजनेय मंदिर, जानें इसका इतिहास

    हनुमान मंदिर ही है, जिसमें हनुमान जी का मुख्य स्वरूप सामने है, जिसके दाएं और बाएं एक-एक मुख है तथा एक मुख नीचे और एक मुख पीछे है, जिसके दर्शन के लिए पीछे की ओर जाना पड़ता है।