यहां किया था रावण ने स्वर्ग की सीढ़ी का निर्माण, जानें क्या है इसका रहस्य
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    यहां किया था रावण ने स्वर्ग की सीढ़ी का निर्माण, जानें क्या है इसका रहस्य

    हिमाचल प्रदेश को पावन स्थाली माना जाता है क्योंकि हिंदू धर्म से जुड़े कई मंदिर आज हैं जिसका संबंध देवी-देवता से जुड़ा हुआ है।
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    बता दें इसे देवभूमि भी कहा जाता है। आज हम इन्ही प्राचीन मंदिरों में से एक के बारे में विस्तार से जानेंगे जो हिमाचल प्रदेश से 70 कि.मी से दूर सिरमौर नामक जिले में हैं।
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    बता दें सिरमौर का मुख्यालय पोडिवाल है, जो नाहन से 6 कि.मी. दूर स्थित है। इसी जगह पर ही भगवान शिव का एक विचित्र चमत्कारिक मंदिर स्थापित है, जिसे पोडिवाल शिव मंदिर कहा जाता है।
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    लोक मान्यता के अनुसार इस मंदिर की सबसे बड़ी खासियत यह है कि एक ऐसे ही मंदिर का वर्णन रामायण काल के एक मंदिर से किया गया।
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    इसलिए इस मंदिर की रावण के उसी स्वर्ग सीढ़ियों वाले मंदिर से तुलना की जाती है।
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    पौराणिक कथाओं के अनुसार रावण ने कठोर तपस्या कर भगवान शिव को प्रसन्न किया था बदले में भगवान शिव ने रावण को वर दिया कि अगर रावण एक दिन के भीतर पांच पौड़ियों यानि 5 सीढियों का निर्माण कर देता है तो उसको अमरता मिल जाएगी।
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    लेकिन यह सीढ़ियां बनाते-बनाते रावण की आंख लग गई। जिसके कारण रावण का स्वर्ग जाने का सपना पूरा नहीं हुआ और शरीर में अमृत रखे हुए भी उसे अपनी देह को त्यागना पड़ा।
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    प्रचलित मान्यता के अनुसार रावण ने स्वर्ग के लिए प्रथम पौड़ी हरिद्वार में बनाई इसलिए इसे हर की पौड़ी कहा जाता है।
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    दूसरी पौड़ी वाला में, तीसरी पौड़ी चुडेश्वर महादेव और चौथी पौड़ी किन्नर कैलाश में बनाई थी। पांचवी पौड़ी बनाने से पहले रावण की आंख लग गई और जब आंख खुली तो रावण ने देखा सुबह हो चुकी थी।
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    कहा जाता है पोडिवाल यानि दूसरी पौड़ी में स्थापित शिवलिंग में भगवान शिव आज भी साक्षात विद्यामान हैं। मगर इनके दर्शन केवल इनके सच्चे भक्तों को ही होते हैं।