Pehowa: पिहोवा है पितरों का तीर्थ, श्राद्ध और पिण्डदान का है खास महत्व
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    Pehowa: पिहोवा है पितरों का तीर्थ, श्राद्ध और पिण्डदान का है खास महत्व

    पिहोवा तीर्थ, हरियाणा राज्य के कुरुक्षेत्र जिले में स्थित एक पवित्र स्थान है, जिसका महत्व वेदों, पुराणों और महाभारत कालीन कथाओं से जुड़ा हुआ है।
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    Pehowa: पिहोवा है पितरों का तीर्थ, श्राद्ध और पिण्डदान का है खास महत्व

    इसे विशेष रूप से श्राद्ध, पितृ तर्पण और पिंडदान के लिए सर्वोत्तम तीर्थ माना गया है। मान्यता है कि पिहोवा तीर्थ पर श्राद्ध करने से पितरों को तृप्ति प्राप्त होती है और वे मोक्ष को प्राप्त करते हैं।
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    Pehowa: पिहोवा है पितरों का तीर्थ, श्राद्ध और पिण्डदान का है खास महत्व

    पिहोवा तीर्थ केवल एक धार्मिक स्थल ही नहीं, बल्कि पितरों से जुड़ने और आध्यात्मिक संतुलन पाने का एक दिव्य केंद्र है। यही कारण है कि इसे पितृ श्राद्ध का सर्वोत्तम तीर्थ कहा जाता है।
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    Pehowa: पिहोवा है पितरों का तीर्थ, श्राद्ध और पिण्डदान का है खास महत्व

    पिहोवा का नाम प्राचीनकाल में प्रयागपुर रहा है। यहां सरस्वती नदी के तट पर श्राद्ध कर्म किए जाते हैं। स्कंद पुराण और अन्य ग्रंथों में इसका उल्लेख मिलता है कि जो भक्त पिहोवा में पिंडदान करता है, उसके पितर प्रसन्न होकर आशीर्वाद देते हैं
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    Pehowa: पिहोवा है पितरों का तीर्थ, श्राद्ध और पिण्डदान का है खास महत्व

    महाभारत काल में भी इस स्थान का महत्व रहा है। कहा जाता है कि युधिष्ठिर ने भी अपने पितरों के लिए यहीं श्राद्ध किया था। इसी कारण यह स्थल पितृ तर्पण के लिए विशेष रूप से प्रसिद्ध हुआ