इस तीर्थ स्थल पर 1 रात रहने से 7 कुलों का होता है कल्याण
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    इस तीर्थ स्थल पर 1 रात रहने से 7 कुलों का होता है कल्याण

    दुनिया भर से हिंदू अपने पूर्वजों के लिए फल्गु नदी किनारे स्थित विष्णुपद मंदिर में ‘पिंडदान' की रस्म निभाने के लिए पितृपक्ष के दौरान गया जिला आते हैं।
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    इस तीर्थ स्थल पर 1 रात रहने से 7 कुलों का होता है कल्याण

    ऐसा माना जाता है कि जो लोग ये अनुष्ठान करते हैं, उन्हें ‘पितृ दोष' से मुक्ति मिलती है और उनके पूर्वजों को जन्म तथा मृत्यु के चक्र से ‘मुक्ति' मिलती है एवं मोक्ष की प्राप्ति होती है।
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    इस तीर्थ स्थल पर 1 रात रहने से 7 कुलों का होता है कल्याण

    कर्म पुराण के चौंतीसवें अध्याय में गया तीर्थ की महिमा का वर्णन करते हुए लिखा है कि गया नामक परम तीर्थ पितरों को अत्यंत प्रिय है। जो मनुष्य एक बार भी गया जाकर पिंडदान करता है, उसके द्वारा तारे गए पितर परम गति को प्राप्त करते हैं।
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    इस तीर्थ स्थल पर 1 रात रहने से 7 कुलों का होता है कल्याण

    गया क्षेत्र में ऐसा कोई स्थान नहीं, जहां तीर्थ नहीं हैं। पांच कोस के क्षेत्र में स्थित गया में कहीं भी पिंडदान कराने वाला व्यक्ति स्वयं अक्षय फल प्राप्त कर पितृगणों को ब्रह्मलोक पहुंचाने का अधिकारी बनता है। गयायां न हि तत् स्थानं यत्र तीर्थ न विधते। पंचकोशे गया क्षेत्रों यत्र तत्र तु पिंडद।
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    इस तीर्थ स्थल पर 1 रात रहने से 7 कुलों का होता है कल्याण

    जो व्यक्ति गया तीर्थ जाकर वहां रात्रि वास करते हैं, उनके 7 कुलों का उद्धार हो जाता है। गया में मुंड पृष्ठ, अरविंद पर्वत तथा क्रोंचपाद नामक तीर्थों के दर्शन करके व्यक्ति समस्त पापों से मुक्त हो जाता है।