पितृ पक्ष 2019: इन घाटों पर करें अपने पितरों का पिंडदान
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    पितृ पक्ष 2019: इन घाटों पर करें अपने पितरों का पिंडदान

    धार्मिक ग्रंथों की मानें तो हिंदू धर्म में तीर्थ का महत्व बहुत अधिक है। अगर पितृ पक्ष के दौरान तीर्थों पर और इन तिथियों में तीर्थों में किए गए श्राद्ध का तो विशेष फल मिलता है। तो आइए आज हम आपको बताते हैं कुछ ऐसे तीर्थं स्थल जिनका अधिक महत्व है, जिस कारण वो अति प्रसिद्ध है-
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    पितृ पक्ष 2019: इन घाटों पर करें अपने पितरों का पिंडदान

    हरिद्वार, उत्तराखंड हरिद्वार के मान्यता है कि मात्र यहां स्नान कर लेने से ही समस्त पापों का नाश हो जाता है। वैसे तो साल भर यहां पर श्रद्धालुओं कि भीड़ रहती है।
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    पितृ पक्ष 2019: इन घाटों पर करें अपने पितरों का पिंडदान

    प्रयाग, उत्तरप्रदेश तीर्थों में सबसे बड़ा तीर्थ प्रयाग को माना जाता है। गंगा, यमुना, सरस्वती नदियों का संगम होने कि वजह से यहां पर श्राद्ध कर्म करना सबसे श्रेष्ठ माना जाता है।
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    पितृ पक्ष 2019: इन घाटों पर करें अपने पितरों का पिंडदान

    ब्रह्मकपाल घाट बद्रीनाथ उत्तराखंड के ब्रह्मकपाल घाट का श्राद्ध कर्म के लिए बड़ा महत्व है। मान्यता है कि शिव को ब्रह्म हत्या के पापों से यही मुक्ति मिली थी।
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    पितृ पक्ष 2019: इन घाटों पर करें अपने पितरों का पिंडदान

    मेघंकर, महाराष्ट्र ब्रह्मपुराण, पद्मपुराण आदि धर्म ग्रंथों में महाराष्ट्र से लगभग 75 किमी की दूरी पर स्थित मेघंकर तीर्थ का वर्णन पढ़ने को मिलता है। यह स्थान पैनगंगा नदी के तट पर है।
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    पितृ पक्ष 2019: इन घाटों पर करें अपने पितरों का पिंडदान

    लोहागर, राजस्थान राजस्थान के इस प्रसिद्ध तीर्थ स्थल पर श्राद्ध कर्म करने से विशेष फल मिलता है।
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    पितृ पक्ष 2019: इन घाटों पर करें अपने पितरों का पिंडदान

    जिस व्यक्ति का श्राद्ध यहां किया जाता है उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है।