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Punaura Dham: जीर्णोद्धार की बाट जोहता सीता जी का प्राकट्य स्थल ‘पुनौरा धाम’
बिना राम के सीता नहीं और बिना सीता के राम नहीं। संपूर्ण विश्व में लोग भगवान को याद करते हैं तो एक स्वर से सीता-राम कहते हैं। विश्व भर में सीता-राम के अनुयायी चाहते थे कि अयोध्या में श्री रामलला का भव्य मंदिर बने और अंतत: न्यायालय से भव्य मंदिर बनाने की स्वीकृति मिली।
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Punaura Dham: जीर्णोद्धार की बाट जोहता सीता जी का प्राकट्य स्थल ‘पुनौरा धाम’
यह तो बात हुई भगवान श्री राम की। अब ध्यान देने की आवश्यकता है बिहार के सीतामढ़ी के निकट ‘पुनौरा धाम’ स्थित मां सीता के प्राकट्य स्थल पर। न वहां मस्जिद है, न चर्च है और न ही कोई जमीनी विवाद है।
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Punaura Dham: जीर्णोद्धार की बाट जोहता सीता जी का प्राकट्य स्थल ‘पुनौरा धाम’
प्राकट्य स्थल का कुण्ड भी मौजूद है और छोटा-सा मंदिर भी बना है परंतु मां सीता के प्राकट्य स्थल का जो भव्य स्वरूप होना चाहिए, उसकी ओर न बिहार के संस्कृति मंत्रालय और न ही केंद्र सरकार के संस्कृति मंत्रालय का विशेष ध्यान जा रहा है।
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Punaura Dham: जीर्णोद्धार की बाट जोहता सीता जी का प्राकट्य स्थल ‘पुनौरा धाम’
जब अयोध्या में श्री रामलला का भव्य मंदिर बन रहा है तो मां जानकी के प्राकट्य स्थल का जीर्णोद्धार क्यों नहीं हो रहा ? अब समय आ गया है जब ‘पुनौरा धाम’ को भारत के पांचवें धाम के रूप में स्थापित किया जाए।
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Punaura Dham: जीर्णोद्धार की बाट जोहता सीता जी का प्राकट्य स्थल ‘पुनौरा धाम’
पहले तो लोगों को पता ही नहीं था कि ‘पुनौरा धाम’ है कहां, परंतु जगतगुरु रामभद्राचार्य जी ने शास्त्रों के आधार पर यह सिद्ध कर दिया कि पुनौरा धाम ही मां सीता का प्राकट्य स्थल है।
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Punaura Dham: जीर्णोद्धार की बाट जोहता सीता जी का प्राकट्य स्थल ‘पुनौरा धाम’
वह दस वर्षों से जानकी नवमी पर ‘पुनौरा धाम’ में अनवरत, नि:शुल्क कथा कर यह संदेश दे रहे हैं कि मिथिला वासियों और भारतवासियों मां जानकी प्राकट्य स्थल के जीर्णोद्धार और उसकी भव्यता में सभी लोग सहयोग करें।
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Punaura Dham: जीर्णोद्धार की बाट जोहता सीता जी का प्राकट्य स्थल ‘पुनौरा धाम’
कैलाश से कन्याकुमारी और कामख्या से कच्छ तक सम्पूर्ण भारत भूमि तीर्थ स्थानों से भरी है, परंतु मिथिला की भूमि का सदैव विशेष महत्व रहा है। देवता भी यहां निवास करने के लिए सर्वदा आतुर रहने के कारण इसे ‘सुरवंदिता’ कहा गया है।