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Purnagiri Devi Temple Tanakpur: सौंदर्य व अध्यात्म का मिलन
हिमालय के उत्तर-पूर्व में अन्नपूर्णा पर्वत शृंखला में लगभग 5 हजार फुट की ऊंचाई पर व चम्पावत जनपद के टनकपुर शहर से लगभग 24 किलोमीटर की दूरी पर पूर्णागिरि एक मनोहारी स्थल है।
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Purnagiri Devi Temple Tanakpur: सौंदर्य व अध्यात्म का मिलन
पूर्णागिरि भारत- नेपाल सीमा पर आस्था का केंद्र तो है ही पर नैसर्गिक सौंदर्य प्रेमियों के लिए भी यह कम रोमांचकारी नहीं है।
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Purnagiri Devi Temple Tanakpur: सौंदर्य व अध्यात्म का मिलन
पूर्णागिरि के आसपास का क्षेत्र प्रसिद्ध जिम कार्बेट नैशनल पार्क में आता है जिसके कारण यहां विचरण करने वाले वन्य प्राणियों को आसानी से देखा जा सकता है।
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Purnagiri Devi Temple Tanakpur: सौंदर्य व अध्यात्म का मिलन
इसी क्षेत्र से काली नदी पहाड़ों से उतर कर मैदानी क्षेत्र में प्रवेश करती है। अन्नपूर्णा पर्वत की चोटी से सूर्योदय व सूर्यास्त, काली नदी, चम्पावत, टनकपुर व नेपाल के गांवों का मनोरम दृश्य देखते ही बनता है।
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Purnagiri Devi Temple Tanakpur: सौंदर्य व अध्यात्म का मिलन
मानो शारदा नदी का शीतल व निर्मल जल मां भगवती के चरणों का स्पर्श कर रहा हो। यह स्थल यात्रियों का प्रथम विश्राम स्थल है।
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Purnagiri Devi Temple Tanakpur: सौंदर्य व अध्यात्म का मिलन
पूर्णागिरि मंदिर जाने का यह प्रवेश द्वार भी है। यहीं से वन मार्ग आरंभ हो जाता है। ककराली गेट बस स्टैंड से थोड़ा आगे जाने पर घने वन को पार करते हुए एक संकरे व चढ़ाई वाले मार्ग पर चलना पड़ता है।
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Purnagiri Devi Temple Tanakpur: सौंदर्य व अध्यात्म का मिलन
मार्ग में दूर-दूर तक झाड़िया, लताएं व ऊंचे-ऊंचे वृक्षों के रूप में प्रकृति पसर कर स्वागत करती है।लगभग 14 किलोमीटर की चढ़ाई पूरी करने के बाद ठूलीगाड़ पर बने अस्थायी बस स्टैंड पर पहुंचे। यहां एक छोटा-सा बाजार है।
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Purnagiri Devi Temple Tanakpur: सौंदर्य व अध्यात्म का मिलन
इसके निकट एक बड़ी-सी नदी है जो इस चढ़ाई में पड़ने वाले अन्य नदी-नालों से बड़ी है इसलिए इसे ठूली (बड़ी) गाड़ कहते हैं। आगे बढ़ने पर चढ़ाई के साथ-साथ गाड़ी की गति धीमी होती जाती है।