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Ratneshwar Mahadev Mandir: 400 वर्षों से 9 डिग्री के कोण पर झुका है वाराणसी का रत्नेश्वर महादेव मंदिर
पीसा की मीनार के बारे में तो कई लोगों ने सुना ही होगा, जो 4 डिग्री झुके होने के बावजूद ज्यों की त्यों खड़ी है लेकिन उत्तर प्रदेश की धर्मनगरी वाराणसी में एक ऐसा मंदिर है जो 9 डिग्री झुके होने के बावजूद अपनी खूबसूरती से विश्व में प्रसिद्ध है।
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Ratneshwar Mahadev Mandir: 400 वर्षों से 9 डिग्री के कोण पर झुका है वाराणसी का रत्नेश्वर महादेव मंदिर
महाश्मशान के पास बना करीब 400 वर्ष पुराना यह दुर्लभ मंदिर आज भी लोगों के लिए आश्चर्य ही है। साल में 8 महीने यह गंगाजल से आधा डूबा हुआ रहता है और 4 महीने पानी के बाहर।
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Ratneshwar Mahadev Mandir: 400 वर्षों से 9 डिग्री के कोण पर झुका है वाराणसी का रत्नेश्वर महादेव मंदिर
गर्भगृह में कभी भगवान शिव का दर्शन नहीं हो पाता है। स्थापित शिवलिंग भी जमीन के 10 फुट नीचे है। यही वजह है कि सावन जैसे पवित्र महीने में भी यहां कोई शिवभक्त जलाभिषेक नहीं कर पाता।
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Ratneshwar Mahadev Mandir: 400 वर्षों से 9 डिग्री के कोण पर झुका है वाराणसी का रत्नेश्वर महादेव मंदिर
अपनी स्थापत्य कला के लिए प्रसिद्ध यह मंदिर गंगा नदी की तलहटी पर बना हुआ है। यह वाराणसी के मणिकर्णिका घाट के ठीक बगल में स्थित है जो बनने के ठीक बाद ही नदी के दाहिनी ओर झुक गया था।
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Ratneshwar Mahadev Mandir: 400 वर्षों से 9 डिग्री के कोण पर झुका है वाराणसी का रत्नेश्वर महादेव मंदिर
लगभग 400 वर्ष पहले इसे महारानी अहिल्याबाई की दासी रत्नाबाई ने बनवाया था। बताया जाता है कि रानी अहिल्याबाई की दासी रत्नाबाई ने मंदिर बनाने की इच्छा जताई थी।
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Ratneshwar Mahadev Mandir: 400 वर्षों से 9 डिग्री के कोण पर झुका है वाराणसी का रत्नेश्वर महादेव मंदिर
रानी अहिल्याबाई ने गंगा किनारे की जमीन रत्नाबाई को दे दी थी, जिसके बाद रत्नाबाई ने इस मंदिर को बनवाना शुरू किया।
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Ratneshwar Mahadev Mandir: 400 वर्षों से 9 डिग्री के कोण पर झुका है वाराणसी का रत्नेश्वर महादेव मंदिर
कहते हैं कि मंदिर बनने के बाद जब रानी अहिल्याबाई ने मंदिर देखने की इच्छा जताई और मंदिर के पास पहुंचीं तो इसकी खूबसूरती देखकर उन्होंने दासी रत्नाबाई से इस मंदिर को नाम न देने की बात कही।