किसके आवाह्न पर नासिक में त्र्यंबकेश्वर रूप में विराजमान हुए थे महादेव, जानें
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    किसके आवाह्न पर नासिक में त्र्यंबकेश्वर रूप में विराजमान हुए थे महादेव, जानें

    नासिक के समीप गोदावरी तट के पास स्थित त्र्यम्बकेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर स्थित है, जिसे विशेषकर कालसर्प दोष के निवारण के लिए जाना जाता है।
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    किसके आवाह्न पर नासिक में त्र्यंबकेश्वर रूप में विराजमान हुए थे महादेव, जानें

    त्र्यम्बकेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर के अंदर तीन छोटे-छोटे शिवलिंग स्थापित है, जिन्हें त्रिदेव यानि ब्रह्मा, विष्णु और महेश का प्रतीक माना जाता है।
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    बता दें इन शिवलिंग के चारों तरफ एक रत्न से जड़ा हुआ मुकुट त्रिदेव के मुखोटे के रूप में स्थित है।
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    परंतु प्रचलित पंरपरा के अनुसार यहां आने वाले भक्त इस मुकुट के दर्शन केवल सोमवार को ही कर सकते हैं।
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    इसके अलावा बता दें त्र्यबंकेश्वर मंदिर के पास तीन ब्रह्मगिरी, नीलगिरी और गंगा द्वार पर्वत स्थित हैं। लोक मत के अनुसार यहां ब्रह्मगिरी को शिव स्वरूप माना जाता है।
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    तो वहीं नीलगिरी पर्वत पर नीलाम्बिका देवी और दत्तात्रेय गुरु का मंदिर स्थित है।
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    इसके अतिरिक्त गंगा द्वार पर्वत पर देवी गोदावरी यानि गंगा मां का मंदिर स्थापित है।